
मिशन लोकसभा : राहुल से मुलाकात के बाद होगा फैसला
मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री बताएंगे कितना काम किया
कांग्रेस ने पिछली शिवराज सरकार को घोषणा वाली सरकार के नाम से प्रचारित किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोषणावीर कहा जाने लगा था। इस कारण कांग्रेस ने चुनाव में भी घोषणाओं से दूरी रखी। पार्टी ने अपना घोषणा-पत्र भी वचन-पत्र के नाम से जारी किया था। इसके बाद जब सरकार बनी, तो भी होर्डिंग्स-विज्ञापन और घोषणाओं से दूरी रखी गई। मुख्यमंत्री के प्रयास हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले ही इतने काम कर दिए जाएं कि उनकी सरकार को काम करने वाली सरकार के रूप में पहचान मिले। इसी के चलते बिहार दौरे के दौरान कमलनाथ ने राहुल गांधी को अपने काम की भी रिपोर्ट दी है। इसमें कर्जमाफी के मामले में मध्यप्रदेश बाकी दोनों राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ से आगे है। राहुल ने इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश की सराहना की है।
उन्होंने कमलनाथ को निर्देश दिए हैं कि चुनाव के पहले इन कामों को बताया जाए। इसके तहत अब कमलनाथ पूरी रिपोर्ट तैयार करेंगे। इससे पूर्व कमलनाथ भी कह चुके हैं कि वे अपने कामों को जनता को बताएंगे।
– वचन, बदलाव और नए काम का हिसाब
कमलनाथ ने अभी तक कर्जमाफी, पेंशन वृद्धि, कन्या विवाह राशि वृद्धि, सौ दिन का रोजगार सहित कई फैसले किए हैं। इनका सिलसिलेवार ब्योरा लोकसभा चुनाव कैंपेनिंग में दिया जाएगा। कमलनाथ की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव के लिए इन कामों को ही कैंपेनिंग का आधार बना लिया जाए। दरअसल, मार्च के पहले हफ्ते में आचार संहिता लागू होने की संभावना जताई जा रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने तीन मार्च तक 30 लाख से ज्यादा किसानों के बैंक खाते में पैसा पहुंचाने का टारगेट दिया है। इसके अलावा रोजगार और निवेश को भी इसी मकसद से फोकस किया जा रहा है। कमलनाथ ने मंत्रियों को काम पर फोकस करने के लिए कहा है।