मध्यप्रदेश विधानसभा में मतविभाजन के दौरान भाजपा के दो विधायकों ने कांग्रेस का साथ दिया था।
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को हुए हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा के बाद अब विपक्षी दल भाजपा की ओर से संभावित पलटवार से कमलनाथ सरकार आशंकित है।
भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने अपना घर मजबूत करने के लिए अपनी कमजोर कड़ियों पर निगरानी बढ़ा दी है। सियासी प्रबंधन के तहत कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने की मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं दूसरी ओर भाजपा का प्रबंधन तंत्र भी भावी रणनीति के तहत सियासी जमावट के लिए विचार मंथन में जुट गया है।
कांग्रेस और भाजपा में सियासी प्रबंधन के रणनीतिकार भोपाल से लेकर दिल्ली तक अचानक सक्रिय हो गए हैं। विधायक दल की कमजोर कड़ियों को चिन्हित कर उन पर फोकस किया जा रहा है। दोनों ही दलों में इस बात को लेकर सतर्कता बढ़ गई है।
भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कोल का असंतोष वे समझ नहीं पाए और धीरे-धीरे वे कांग्रेस के पाले में चले गए। लेकिन, यह भी दावा किया जा रहा है कि दलबदल जैसी कोई स्थिति नहीं है।
पाला बदलने के बाद सरकार ने दोनों विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंत्रियों को भी जवाबदारी सौंपी गई है कि अपने क्षेत्र के विधायकों के लगातार संपर्क में बने रहें। कांग्रेस संगठन के दिग्गज नेता और मंत्रिगण गुरुवार को दिन में यह दावा करते रहे कि विधानसभा में मत विभाजन के जरिए हुआ फ्लोर टेस्ट (दो विधायकों की टूट) तो ट्रेलर मात्र है। अभी भाजपा के पांच अन्य विधायक भी उनके लगातार संपर्क में बने हुए हैं।
संख्या बल को लेकर भाजपा सतर्क
कर्नाटक में कुमार स्वामी सरकार गिरने के बाद ही मप्र में कांग्रेस सरकार को लेकर बयानबाजी तेज हो गई थी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पहले ही कह दिया था कि ‘कर्नाटक से चली हवा अब मप्र तक पहुंचेगी, क्योंकि प्रदेश में लूटखसोट का माहौल है।”
भार्गव के अलावा डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी कह चुके हैं कि ‘खेल कांग्रेस ने शुरू किया-खत्म हम करेंगे।” भाजपा संगठन यह भी स्पष्ट कर चुका है कि कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने वाले विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। दरअसल, भाजपा अपने संख्या बल को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरत रही है।मजबूती से जमी है सरकार: सलूजाप्रदेश में कमलनाथ की सरकार अंगद के पैर की तरह पूर्ण बहुमत के साथ मजबूती से जमी हुई है। कांग्रेस विधायक दल और सहयोगी विधायक पूरी तरह एकजुट हैं और कहीं कोई कमजोर अथवा टूटने वाली कड़ी नहीं है।
– नरेंद्र सलूजा, मीडिया समन्वयक, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
Check Also
कर्मचारियों को डीए का एरियर देने की प्रोसेस तय:दिसंबर में मिलेगी एरियर की पहली किस्त, अक्टूबर के डीए की प्रोसेस भी शुरू
🔊 Listen to this भोपाल- दिसंबर में मिलेगी एरियर की पहली किस्त, अक्टूबर के डीए …