कमलनाथ कैबिनेट के मंत्री अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं. उनकी ये बयानबाज़ी बीजेपी को लेकर है. ज़ाहिर है बीजेपी भी उन्हें घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए पिछले दिनों भोपाल में कांग्रेस की बैठक थी. उसमें मंत्रियों के व्यवहार को लेकर कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी. कार्यकर्ताओं का कहना था कि मंत्री उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं और ना ही अच्छा व्यवहार कर रहे हैं. इतना ही नहीं मंत्री बीजेपी नेताओं को गाड़िय़ों में बैठाकर घुमा रहे हैं. इस पर सीएम कमलनाथ ने गृहमंत्री बाला बच्चन पर चुटकी लेते हुए कहा था कि मैंने आज ही बाला बच्चन को फोन लगाकर कहा है कि मैं ये रिपोर्ट लिखवा रहा हूं कि मेरा गृह मंत्री लापता हो गया है.उन्होंने कहा मंत्रियों को खुद अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. उनका व्यवहार और आचरण लोकहित में होना जरूरी है.सीएम कमलनाथ की टिप्पणी की ख़बर बाहर आने की देर थी कि बीजेपी ने हमला बोल दिया. पार्टी प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा- आखिर सीएम कमलनाथ ने सच स्वीकार किया. एक महीने में प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात बदतर हो गए हैं. आए दिन हत्याएं,लूट और चोरी की वारदातें हो रहीं हैं.अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं.प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन अपने बयानों के कारण भी चर्चा में हैं. रतलाम कांड पर बाला बच्चन ने कहा बीजेपी कानून हाथ में ले रही है.दलित की हत्या में बीजेपी नेता का हाथ है और अब शिवराज सिंह चौहान ट्वीट क्यों नहीं कर रहे? उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सत्ता परिवर्तन को पचा नहीं पा रही है.बीजेपी की अवैध कमाई रुक गई है. बाला बच्चन ने जनसंपर्क विभाग में हुए घोटाले की जांच कराने की बात भी कही थी.उन्होंने कहा किसी भी घोटाले को नहीं छोड़ा जाएगा. विपक्ष में रहते हुए बाला बच्चन ने वेबसाइट घोटाला विधानसभा में उठाया था.
खेल मंत्री जीतू पटवारी ने सोमवार को भोपाल में खिला़ड़ियों के सम्मान समारोह में कहा था- भाजपा में नेताओं को यूज एंड थ्रो किया जाता है. पार्टी में बुजुर्ग नेताओं का सम्मान नहीं है. उन्होंने शिवराज सरकार के दौरान प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और यहां तक कह गए कि शिवराज सिंह चौहान एक महीने से घबराए हुए हैं, वो विचलित हो गए हैं और उनका मानस स्थिर नहीं है.पूर्व सीएम को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए.सीएम कमलनाथ के निर्णय को लेकर अनर्गल बातें कर रहे है
पहले सोमवार को कमलनाथ सरकार में मंत्री आरिफ अकील को गुंडों का संरक्षक बताने वाली एक ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. इसमें वायरल गुंडा पंजी में शोएब कुरेशी नाम के बदमाश का जिक्र था. शोएब को पूर्व पार्षद भी बताया जा रहा है. जिला बदर की अनुशंसा के लिए भेजे गए कॉपी में मंत्री आरिफ अकील का नाम लिखा है. इसमें लिखा गया है कि ‘आरिफ अकील शोएब को संरक्षण देकर छुड़ा देते हैं’. हालांकि बाद में इसका खंडन आ गया.
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