अयोध्या। लक्ष्मणकिला परिसर में संतों एवं आचार्यों के पूजन के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे शिवसेना संसदीय दल के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा है कि रामभक्तों ने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था तो मंदिर निर्माण के लिए कानून लाने में देरी क्यों? अध्यादेश की घोषणा में देरी पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनावों में वादा करने और बहुमत प्राप्त करने के बावजूद भाजपा अयोध्या में मंदिर बनाने में असमर्थ रही है।
शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब राउत ने पार्टी प्रमुख के आगमन को राजनीति से अलग करते हुए याद दिलाया कि छह दिसंबर, 1992 को महाराष्ट्र से हजारों शिवसैनिक अयोध्या में दाखिल हुए थे और शनिवार को पार्टी प्रमुख अयोध्या से इस रिश्ते को मजबूती देने आ रहे हैं। उनके आने मंदिर निर्माण को गति मिलेगी। उन्होंने कहा, मंदिर निर्माण कोर्ट या शक्ति प्रदर्शन से नहीं कानून बनाने से ही संभव है और हम संसद में मंदिर के लिए अध्यादेश लाने की मांग करने को तैयार हैं।
राष्ट्रपति भवन से उत्तर प्रदेश विधानसभा तक अध्यादेश लाने के लिए कागजात तैयार करने में कितना समय लगता है, जबकि सभी जगह भाजपा की सरकारें हैं। राउत ने चार साल में केंद्र सरकार के मंदिर निर्माण में विफलता पर तंज कसा। महाराष्ट्र और केंद्र दोनों में भाजपा की अगुआई वाली सरकारों का हिस्सा शिवसेना पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली के बाद राममंदिर के निर्माण के लिए आक्रामक रूप से दबाव डाल रही है। शिवसेना संसदीय दल के नेता ने कहा कि मंदिर के लिए सदन में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने की बजाय गवर्नमेंट बिल पेश होना चाहिए, चार सौ सांसद इसका समर्थन करेंगे।
उन्होंने मंदिर के लिए कानून पारित होने में किसी प्रकार की तकनीकी अड़चन से इंकार किया। कहा, यह प्रधानमंत्री की इच्छा पर निर्भर है। बहुमत के बावजूद अगर हमारी सरकार मंदिर का निर्माण नहीं करती है और फिर 2019 में मंदिर बनाने का नारा उछालते हैं और लोगों के पास जाते हैं तो यह उद्धवजी के लिए अस्वीकार्य है।
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