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मध्‍यप्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष का चुनाव अगले सप्‍ताह, जिलाध्यक्षों पर मंत्रणा शुरू

Madhya Pradesh Bharatiya Janata Party : भाजपा के आधे से ज्यादा जिला अध्यक्षों के चयन के बाद केंद्र तय करेगा प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन की तिथि।

भोपाल।- Madhya Pradesh Bharatiya Janata Party मंडल और जिला अध्यक्षों के बाद अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के निर्वाचन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। उम्मीद है कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए रायशुमारी अगले हफ्ते हो। इसके लिए आवश्यक है कि आधे से ज्यादा जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित कर केंद्रीय संगठन को इससे अवगत कराया जाए। सूत्रों के मुताबिक जिला अध्यक्षों के नाम फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंगलवार से एक-एक कर जिलों से आए बंद लिफाफों को खोलने का सिलसिला शुरू कर दिया गया।

रायशुमार से होगा निर्वाचन

पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन भी रायशुमारी से ही होगा। इसमें प्रदेश स्तरीय नेताओं से ज्यादा बड़ी भूमिका राष्ट्रीय नेतृत्व की रहेगी। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर वही नेता बैठेगा जो आलाकमान की पसंद होगा।

राकेश सिंह मजबूत दावेदार

मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह उनका सीमित कार्यकाल माना जा रहा है। राकेश सिंह को विधानसभा चुनाव से पहले ही नंदकुमार सिंह चौहान की जगह प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। तब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे।

चूंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद राकेश सिंह का नाम तय किया था, इसलिए प्रदेश के कोई नेता विरोध नहीं कर पाए थे। हालांकि उस समय भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ला, नरोत्तम मिश्रा जैसे नाम भी थे, लेकिन नाम राकेश सिंह का तय किया गया। इस बार भी उनका दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। वे महाकोशल से आते हैं। वहां वे पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, विनोद गोटिया के नाम भी उछाले जा रहे हैं।

शिवराज, नरोत्तम के भी नाम

पार्टी के एक वर्ग को लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पार्टी यह जवाबदारी सौंप सकती है। हालांकि जैसे ही चौहान का नाम सामने आएगा उम्मीद है कि उनके खिलाफ प्रदेश स्तर पर तमाम विरोधी नेता लामबंद होकर विरोध करेंगे। उनके अलावा नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सशक्त दावेदारों में है पर चूंकि नेता प्रतिपक्ष के पद पर गोपाल भार्गव ब्राह्मण वर्ग से ही हैं, इसलिए उनके चयन में इस वजह से दिक्कत हो सकती है। प्रभात झा को भी एक दावेदार के तौर पर देखा जा रहा हैं।

नकवी, चौबे पर्यवेक्षक बने

पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और अश्विनी चौबे को नियुक्त किया है। ये दोनों नेता प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन का कार्यक्रम जारी होते ही भोपाल पहुंच कर रायशुमारी करेंगे। चुनाव कार्यक्रम जारी करने से पहले जिला अध्यक्षों के निर्वाचन की बाध्यता की पूर्ति भी जरूरी है। इसकी मशक्कत शुरू हो चुकी है।

बंद लिफाफे खोलने का काम शुरू

पार्टी के एक जिम्मेदार नेता ने बताया कि बुधवार शाम या गुरुवार को अधिकांश जिलों के अध्यक्षों के नाम तय कर लिए जाएंगे। भोपाल में मंगलवार से बंद लिफाफे खोलने का काम शुरू हो गया है। इन लिफाफों में दर्ज नामों को वरीयता के हिसाब से जमाकर जिलों के नेताओं से फोन पर संपर्क कर एक नाम पर आम सहमति बनाने का काम भी शुरू हो गया है। आधे जिलों के अध्यक्ष तय होते ही दिल्ली से प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि तय कर दी जाएगी।

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