भोपालः मध्य प्रदेश में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव के दिन नज़दीक आ रहे हैं। वैसे वैसे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में टिकट को लेकर उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं। अब तक पार्टी के सामने केंडिडेट चुनने को लेकर काफी असमंजस नज़र आ रहा था, लेकिन हालही में भाजपा कार्यालय द्वारा जारी बयान में साफ हो गया है, कि टिकट किन लोगों को दिया जाएगा। पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि, विधानसभा चुनाव के टिकट बांटने क लिए प्रत्याशी की छवि विधानसभा क्षेत्र में सही होना सबसे बड़ा आधार होगा। जितने भी लोग चुनाव टिकट की उम्मीदवारी करते हैं उनमें तय किया जाएगा कि इलाके में सबसे अच्छी छवि जिसकी होगी उसे ही पार्टी द्वारा टिकट दिया जाएगा। बता दें कि पार्टी दावेदार को सभी मोर्चों पर परखने के बाद ही उनके नाम पर मुहर लगाएगी। वहीं यह खबर भी सामने आई है कि, इनमें तय किए गए नामों के आधार पर पार्टा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है।
बे दाग़ व्यक्ति होगा दावेदार
बे दाग़ व्यक्ति होगा दावेदार
पार्टी द्वारा साफतौर पर कहा गया कि, टिकट की दावेदारी करने वाले किसी भी व्यक्ति के दामन पर कोई भी दाग़, आपराधिक मामला या इलाके का बाहुबली होगा तो पार्टी ऐसे व्यक्ति को टिकट देने में असमर्थ होगी। हालांकि, पार्टी द्वारा बयान सामने आने के बाद ही इसपर काम शुरु कर दिया गया है। पार्टी द्वारा कराए जा रहे हर विधानसभा क्षेत्र के सर्वे इस बात पर काफी ग़ौर किया जा रहा है कि, संभावित दावेदार की छवि कैसी है, भले ही वह पहले से ही विधानसभा वाले उस इलाके का प्रभार संभाले है या नहीं।
इन लिधायकों भी कटेगा टिकट
भाजपा के सूत्रों की माने तो, पार्टी इस बार टिकट में केंडिडेट के टयन को लेकर इतनी सजग हैं कि, पार्टी सर्वे में अगर किसी विधायक की छवि भी ठीक नहीं पाई गई तो पार्टी इस बार उसका भी टिकट काटने में गुरेज़ नहीं करेगी। वहीं, भाजपा और संघ नेताओं के बीच हुई बैठक में जो गाइडलाइन तैयार की गई उसके आधार पर प्रत्याशियों के चयन के लिए चुनाव प्रबंधन समिति को पूरा अधिकार देने पर फैसला किया गया है। समिति को यहां तक हिदायत की गई है कि, ऐसे किसी केंडिडेट का चयन भी ना करें, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य ऐसे कृत्य में शामिल हों, जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचा हो या हो सकता हो।
माहौल बिगाड़ना पड़ेगा भारी
बैठक में तय हुई गाइडलाइन में यह बात स्पष्ट की गई कि, टिकट काटे जाने पर अगर किसी प्रत्याशी की तरफ से कोई विरोधी सुर सुनाई दिए गए जैसे, पार्टी की बुराई करना, पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी करना या फिर उस इलाके से निर्दलीय नामांकन करना, तो वह इस बात को खुद समझ ले कि वह हमेशा के लिए पार्टी से बाहर हो चुके हैं। जिन विधायकों को 2018 में चुनाव लड़ने से पार्टी रोकेगी, पहले उन्हीं की सहमति से प्रत्याशी चयन को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसा प्रत्याशी उनके परिवार, रिश्तेदार या कोई नजदीकी भी हो सकता है। पार्टी ने यह रियायत सिर्फ इसलिए रखी है कि चुनाव के वक्त माहौल न बिग़ड़ जाए।
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