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एक और सर्जिकल स्ट्राइक, भारत ने म्यांमार में घुसकर मारे आतंकी, सैन्य पुष्टि नहीं

इंफाल। भारतीय सेना ने एक बार फिर से घर में घुसकर वार किया है। इस बार उसने म्यांमार में जाकर आतंकी संगठन एनएससीएन-के (नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग) की चेकपोस्ट पर हमला किया है। 12 पैरा कमांडो की इस कार्रवाई में चार से पांच आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
कमांडो की टीम सुरक्षित भारतीय सीमा में लौट आई है। एनएससीएन-के ने कार्रवाई की पुष्टि की है। हालांकि भारतीय सेना की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
इससे पहले जून 2015 में भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पार करके एनएससीएन पर कार्रवाई की थी और डेढ़ सौ से ज्यादा आतंकी मारे थे।
सितंबर 2016 में सेना ने पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सेना की ओर से बताया गया है कि ताजा कार्रवाई बुधवार को हुई। इसमें म्यांमार सीमा के भीतर आतंकी संगठन के श्वेलो कैंप को निशाना बनाया गया। यह कैंप म्यांमार के तीन किलोमीटर भीतर स्थित है।
कमांडो और आतंकियों का आमना-सामना होने पर वहां करीब आधा घंटे तक फायरिग हुई। इसमें चार-पांच आतंकी मारे गए और कई अन्य घायल हुए। दोपहर दो बजे शुरू हुई कार्रवाई करीब दो घंटे चली।
कार्रवाई में कमांडो की ओर से राइफल के अतिरिक्त रॉकेट लांचर, मोर्टार और ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर का इस्तेमाल किया गया। म्यांमार के जिस इलाके में कार्रवाई हुई, वह नगालैंड के मोन जिले के नजदीक है।
बीते 18 जून को मोन जिले में आतंकियों के घात लगाकर हमले असम राइफल्स के तीन जवान और तीन अन्य घायल हुए थे। बुधवार की कार्रवाई को आतंकियों के उक्त हमले का जवाब माना जा रहा है।
आतंकी संगठन ने की कार्रवाई की पुष्टि
एनएससीएन-के के स्वयंभू उप मंत्री कर्नल इसाक सुमी ने भारतीय सेना की म्यांमार में की गई कार्रवाई की पुष्टि की है। कहा है कि सैन्य टुकड़ी जैसे ही एनएससीएन के की फारवर्ड पोस्ट के करीब पहुंची, उसे देख लिया गया।
इसके बाद दोनों तरफ से फायरिग हुई। सुमी ने कार्रवाई में अपने किसी साथी के मारे जाने की पुष्टि नहीं की है।
एनएससीएन-के ने भारत सरकार के साथ 2001 में संघर्षविराम पर दस्तखत किए थे लेकिन संगठन का एक धड़ा विद्रोही हो गया और उसने हिसा का रास्ता न छोड़ने की घोषणा की। इस संगठन का कार्यस्थल नगालैंड और मणिपुर है।
2015 में भी म्यांमार में घुसी थी सेना
मणिपुर के चांडेल जिले में चार जून, 2015 को संगठन ने घात लगाकर हमले में सेना के 18 जवानों की हत्या कर दी थी।
छह दिन बाद दस जून को भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स ने पहली बार म्यांमार में घुसकर एनएससीएन-के के खिलाफ कार्रवाई की थी। कार्रवाई में आतंकियों के दो कैंपों को भारी नुकसान पहुंचा था और 150 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे।

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