पाल। भारत सरकार ने प्रदेश के सात में से छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 2018-19 के सत्र से एमबीबीएस की मान्यता देने से मना कर दिया है। भारत सरकार ने यह निर्णय एमसीआई की सिफारिश पर लिया है। तय मापदंड के अनुसार संसाधन और सुविधाएं नहीं होने की वजह से एमसीआई पहले की ही मान्यता देने से मना कर चुकी है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय
भोपाल। भारत सरकार ने प्रदेश के सात में से छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 2018-19 के सत्र से एमबीबीएस की मान्यता देने से मना कर दिया है। भारत सरकार ने यह निर्णय एमसीआई की सिफारिश पर लिया है। तय मापदंड के अनुसार संसाधन और सुविधाएं नहीं होने की वजह से एमसीआई पहले की ही मान्यता देने से मना कर चुकी है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने एमसीआई से कहा था कि कुछ कॉलेजों में बहुत छोटी कमियां मिली हैं। इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। इस आधार पर मान्यता दे दी जानी चाहिए, लेकिन एमसीआई ने इसे मान्य नहीं किया। एमसीआई की सिफारिश पर भारत सरकार ने 31 मई को मान्यता संबंधी आदेश जारी कर दिया। बता दें कि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने शहडोल, विदिशा, रतलाम, खण्डवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी और दतिया में कॉलेज शुरू करने के लिए आवेदन किया था। इसमें सिर्फ दतिया को मान्यता मिली है।
भोपाल। भारत सरकार ने प्रदेश के सात में से छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 2018-19 के सत्र से एमबीबीएस की मान्यता देने से मना कर दिया है। भारत सरकार ने यह निर्णय एमसीआई की सिफारिश पर लिया है। तय मापदंड के अनुसार संसाधन और सुविधाएं नहीं होने की वजह से एमसीआई पहले की ही मान्यता देने से मना कर चुकी है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने एमसीआई से कहा था कि कुछ कॉलेजों में बहुत छोटी कमियां मिली हैं। इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। इस आधार पर मान्यता दे दी जानी चाहिए, लेकिन एमसीआई ने इसे मान्य नहीं किया। एमसीआई की सिफारिश पर भारत सरकार ने 31 मई को मान्यता संबंधी आदेश जारी कर दिया। बता दें कि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने शहडोल, विदिशा, रतलाम, खण्डवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी और दतिया में कॉलेज शुरू करने के लिए आवेदन किया था। इसमें सिर्फ दतिया को मान्यता मिली है।
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