भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 1 लाख से ज्यादा अतिथि शिक्षक कमलनाथ सरकार से नाराज हैं। चुनाव से पहले तक विधायक कुणाल चौधरी इनके नेता बने हुए थे और सीएम कमलनाथ से आए दिन मुलाकातें करवाते थे परंतु शिक्षक भर्ती में जब से पीईबी ने शर्तें बदलीं हैं, अतिथि शिक्षकों का कोई पालनहार ही नहीं बचा। ना तो अधिकारी बात करने को तैयार हैं और ना ही सरकार सुन रही है।
पीईबी ने आनन-फानन में संशोधित आदेश दिया
अतिथि शिक्षकों के अनुसार पीईबी ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 28 सितम्बर को विज्ञापन निकाला था। कमलनाथ सरकार ने सभी अतिथि शिक्षकों को उनके अनुभव के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई। इसके बाद पीईबी ने आनन-फानन में संशोधित आदेश 5 अक्टूबर को निकाला, जिसमें चुनिंदा शिक्षकों को ही 25 फीसदी आरक्षण का लाभ देने की बात कही गई। इस मुद्दे को लेकर जब शिक्षक पीईबी के अधिकारियों से मिले तो उन्होंने सभी को अनुभव के आधार पर 25 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की बात कही लेकिन परीक्षा के बाद वे अपनी बात से मुकर गए। अब जिम्मेदार अधिकारी पीड़ितों से मिलने से भी कतरा रहे हैं।
अतिथि शिक्षक: MPPEB ने शिक्षक भर्ती की शर्तें बदल दीं, अभ्यर्थी सरकार से नाराज |
सूत्रों की मानें तो पीईबी के इस विज्ञापन में साजिश के तहत सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया है। क्योंकि संशोधित विज्ञापन में सामान्य आवेदकों के साथ बाहरी राज्य के आवेदकों को शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करने का अवसर दिया गया लेकिन उन अतिथि शिक्षकों को समय नहीं दिया गया, जिनके अनुभव में दो से तीन महीने का समय बचा था। पूर्व के विज्ञापन में सभी को समान अवसर दिया गया, लेकिन बाद में सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हजारों अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पीड़ित परीक्षार्थियों के अनुसार उन्होंने अचार संहिता के दौरान जारी किए गए संशोधित विज्ञापन का विरोध किया था। तब अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि उन्हें अनुभव का लाभ मिलेगा। लेकिन परीक्षा के बाद वे अपने वादे से पलट गए। अधिकारी उसी समय स्थिति क्लीयर कर देते तो वे परीक्षा देने की जगह कोर्ट की शरण लेते। अपने को ठगा महसूस करने वाले अतिथि शिक्षक अब न्यायालय की शरण जाने का प्लान बना रहे हैं, ताकि इस फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
सामान्य और दूसरे राज्य के उन आवेदकों को इस पात्रता परीक्षा में मौका दिया गया, जिनकी शैक्षणिक योग्यता अधूरी है। इनकी डिग्रियां मई-जून में पूरी होंगी लेकिन हमें झूठा आश्वासन देकर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। पहले आश्वासन देकर अब अधिकारी मिलने से भी कतरा रहे हैं।
सुबोध सिंह, परीक्षार्थी
पात्रता परीक्षा में किसी भी पात्र उम्मीदवार के साथ अन्याय नहीं होगा। आरक्षण नियमों का पालन संबंधित विभाग द्वारा दी गई गाइड लाइन के अनुसार ही किया जाएगा।
विशाल जोशी, संयुक्त परीक्षा नियंत्रक, प्राेफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड
अतिथि शिक्षकों के अनुसार शिक्षक भर्ती नियम 2018 के नियम 11(7) ख (चार) में अतिथि शिक्षकों को 25 प्रतिशत के आरक्षण का जिक्र है। यह लाभ शासकीय स्कूलों में तीन शैक्षणिक सत्र एवं 200 दिवस के अध्यापन कार्य के लिए दिया जाता है। पीईबी के विज्ञापन में अध्याय -2 के बिंदू क्रमांक 2.2 में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूर्ण मांगी गई। लेकिन बाद में पीईबी ने चालाकी से आचार संहिता लागू होने के बाद विज्ञापन जारी कर अध्याय-1 के बिंदू क्रमांक 7(2) में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में छूट देकर अतिथि शिक्षकों से पूर्ण अनुभव मांग लिया, जिससे आवेदक भड़क गए। जब उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाया तो अधिकारियों ने उन्हें झूठा दिलासा देकर शांत कर दिया।
 सभी अतिथि शिक्षकों ने 200 दिवस और 3 सत्रों का कार्य अनुभव पूर्ण कर लिया है, लेकिन अधिकारी इस अनुभव को नहीं जोड़ रहे हैं। जबकि दूसरे आवेदकों को शैक्षणिक योग्यता को पूरा करने का मौका दिया जा रहा है। हमारे साथ भेदभाव हो रहा है और कहीं-कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ममता दीक्षित, परीक्षार्थी