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सेना, तिरंगे और भारत माता के लिए JNU प्रोफेसर के विवादित बोल

 मंथन न्यूज़ डॉट इन जयपुर. दिल्ली की जेएनयू प्रोफेसर निवेदिता मेनन जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी में शामिल हुईं लेकिन यहां उन्‍होंने ऐसी विवादित बातें बोली कि माहौल गर्मा गया. उन्‍होंने देश की सेना, राष्ट्रीय ध्वज और भारत माता की तस्वीर के लिए कुछ ऐसा कह दिया कि विरोध होने लगा और आयोजक भी परेशान हो गए.
मेनन को यहां के अंग्रेजी विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में बुलाया गया था. जब प्रो. मेनन मंच पर आईं तो उन्होंने खुद को ‘देशविरोधी’ बताते हुए ही अपना परिचय दिया. उन्होंने अपने विषय पर स्लाइड के साथ बोलना शुरू किया तो पीछे प्रोजेक्टर से देश का नक्शा उल्टा दिखाया जा रहा था.कुछ देर तो हॉल में मौजूद प्रतिभागियों ने सोचा कि शायद गलती से लग गया है लेकिन बाद में प्रो. मेनन ने कहा कि मेरे तो विभाग में भी उलटा नक्शा लगा है. मुझे इस नक्शे में कोई भारत माता नजर नहीं आती है. रही बात नक्शे की, तो दुनिया गोल है और नक्शे को कैसे भी देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सेना के जवान देश सेवा के लिए नहीं, रोटी के लिए काम करते हैं. उन्हें सियाचीन में भेज कर क्यों मरवा रहे हैं. भारत माता की फोटो ये ही क्यों है? इसकी जगह दूसरी फोटो होनी चाहिए. भारत माता के हाथ में जो झंडा है, वह तिरंगा क्यों है. यह झंडा देश के आजाद होने के बाद का है, पहले ऐसा नहीं था. पहले इसमें चक्र नहीं था. मैं नहीं मानती इस भारत माता को.’ उनकी बातें सुन कर हर कोई हैरान रह गया. इस पर वहां मौजूद इतिहास के रिटायर्ड प्रोफेसर एन.के. चतुर्वेदी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आपने देश को बहुत कोस लिया, अब अपना भाषण समाप्त करें.
बहस बढ़ती देख आयोजकों ने टी ब्रेक की घोषणा कर दी. बाद में आयोजक डॉ. राजश्री राणावत ने सिंडिकेट सदस्य प्रो. चंद्रशेखर चैधरी को सफाई दी कि प्रो. मेनन ने ऐसी स्पीच के बारे में पहले ऐसा कुछ नहीं बताया था.

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