जानिये कैसे हुआ इस पूरी रणनीति का खुलासा…
जल्द बदल जाएगी MP की सरकार!संकेतों में सामने आई भाजपा की रणनीति, पढ़ें पूरी खबर
मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में वापस हुई कांग्रेस सरकार इन दिनों परेशानी में है। एक तो उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है, वहीं जिनसे उन्होंने समर्थन ले रखा है वे भी लगातार उन्हें चेतावनी देते दिख रहे हैं। ऐसे में सरकार को तमाम तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं।
वहीं अब जो सूचना सामने आ रही है उसके अनुसार MP में जल्द ही सत्ता परिवर्तन हो सकता है! जिसके लिए भाजपा ने एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए गणित गणना शुरू कर दिया है।
वहीं अब जो सूचना सामने आ रही है उसके अनुसार MP में जल्द ही सत्ता परिवर्तन हो सकता है! जिसके लिए भाजपा ने एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए गणित गणना शुरू कर दिया है।
दरअसल ये मामला तब सामने आया जब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पार्टी की एक बैठक में इसका कुछ हद तक खुलासा कर दिया। जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का भी इशारा कर दिया।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झौंकने की तैयारी कर ली है। इसके तहत लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को बैठकें कीं।
करीब आठ घंटे चली इन बैठकों में सिर्फ एक संदेश साफ तौर पर दिया गया कि आप निराश मत होइए, प्रदेश की सभी 29 सीट जीतकर पहले मोदी सरकार की वापसी की तैयारी करो। फिर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनाएंगे।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झौंकने की तैयारी कर ली है। इसके तहत लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को बैठकें कीं।
करीब आठ घंटे चली इन बैठकों में सिर्फ एक संदेश साफ तौर पर दिया गया कि आप निराश मत होइए, प्रदेश की सभी 29 सीट जीतकर पहले मोदी सरकार की वापसी की तैयारी करो। फिर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनाएंगे।
दरअसल बैठक के दौरान गोपाल भार्गव ने कहा कि यदि लोकसभा में अच्छे परिणाम आए तो इसके बाद हम प्रदेश में भी आसानी से सरकार बना लेंगे। उनके इस बात को जानकार कहीं न कहीं भाजपा के सरकार में वापसी के जोड़तोड़ से जुड़ा मान रहे हैं।
बैठक में यह भी कहा गया कि विधानसभा चुनाव की पराजय भूलकर अब कांग्रेस की कर्जमाफी पर नजर रखने का लक्ष्य भी सभी नेताओं को दिया गया। साथ ही कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पूर्ण कर्जमाफी नहीं कर पाएगी और इस पर हमें कमलनाथ सरकार को घेरना है।
लोकसभा जीतने की तैयारी…
वहीं बैठक में रामलाल भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद मैं पहली बार आ रहा हूं। हार का ठीकरा कोई अपने ऊपर नहीं लेता, बल्कि दूसरे के ऊपर ही फोड़ता है। जीत का श्रेय हम कार्यकर्ता को देते हैं। मप्र में हम हारे नहीं हैं, कांग्रेस जीती है।
बैठक में यह भी कहा गया कि विधानसभा चुनाव की पराजय भूलकर अब कांग्रेस की कर्जमाफी पर नजर रखने का लक्ष्य भी सभी नेताओं को दिया गया। साथ ही कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पूर्ण कर्जमाफी नहीं कर पाएगी और इस पर हमें कमलनाथ सरकार को घेरना है।
लोकसभा जीतने की तैयारी…
वहीं बैठक में रामलाल भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद मैं पहली बार आ रहा हूं। हार का ठीकरा कोई अपने ऊपर नहीं लेता, बल्कि दूसरे के ऊपर ही फोड़ता है। जीत का श्रेय हम कार्यकर्ता को देते हैं। मप्र में हम हारे नहीं हैं, कांग्रेस जीती है।
लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी करो। चुनाव दो दलों या महागठबंधन के बीच का न होकर देश के भविष्य का फैसला करने वाला है। इस महायुद्ध में जीत के लिए हमें अपनी सर्वश्रेष्ठ आहूति देनी होगी। एकजुट होकर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरना है।
ऐसा बनाओ माहौल…
इस बैठक को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी संबोधित किया।
बैठक में सभी नेताओं से कहा गया कि जिन कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव में छोटी-मोटी गलती की हो, उन्हें मनाकर वापस लाएं। जो कार्यकर्ता टिकट की नाराजगी में घर बैठ गए थे, उन्हें मनाओ और काम पर लगाओ। माहौल सकारात्मक है।
इस बयान के मायने…
बैठक में लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश मे सरकार बनाने की बात सामने आते ही राजनीति के जानकारों के कान खड़े हो गए हैं। इस संबंध में जानकारों का मत है कि भाजपा शुरू से ही प्रदेश में सरकार बनाना चाहती है।
लेकिन शासन के दौरान रह गई कमियों को भी जनता के जहन से निकालना चाहती है, ताकि इसका खामियाजा लोकसभा चुनावों में नहीं उठाना पड़े। इसी के चलते लोकसभा चुनावों तक कांग्रेस की सरकार को ही बने रहने देना चाहती है।
इस संबंध में राजनीति के जानकार डीके शर्मा का कहना है कि दरअसल ऐसा लगता है कि भाजपा चुनाव के ठीक बाद भी सरकार बना सकती थी, लेकिन जानबुझकर एक रणनीति के तहत उसने ये काम नहीं किया। वहीं वर्तमान सरकार पर लगातार गिरा देने की बात कहते हुए प्रेशर बनाती दिख रही है।
शर्मा कहते है ऐसा लगता है कि भाजपा ये मानती है कि कांग्रेस की राज्य की सरकार लोकसभा चुनाव से पहले तक अपने सारे वादे पूरे नहीं कर सकेगी। वहीं कई तरह की गलतियां भी करेगी।
ऐसे में जहां इसका नुकसान कांग्रेस को लोकसभा में होगा वहीं इसका फायदा सीधे भाजपा के खाते में आएगा। इसके अलावा भी लोकसभा के बाद राज्य में सत्ता को लेकर कई तरह की कोशिशें हों, तो ये कोई बढ़ी बात नहीं होगी।
ऐसा बनाओ माहौल…
इस बैठक को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी संबोधित किया।
बैठक में सभी नेताओं से कहा गया कि जिन कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव में छोटी-मोटी गलती की हो, उन्हें मनाकर वापस लाएं। जो कार्यकर्ता टिकट की नाराजगी में घर बैठ गए थे, उन्हें मनाओ और काम पर लगाओ। माहौल सकारात्मक है।
इस बयान के मायने…
बैठक में लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश मे सरकार बनाने की बात सामने आते ही राजनीति के जानकारों के कान खड़े हो गए हैं। इस संबंध में जानकारों का मत है कि भाजपा शुरू से ही प्रदेश में सरकार बनाना चाहती है।
लेकिन शासन के दौरान रह गई कमियों को भी जनता के जहन से निकालना चाहती है, ताकि इसका खामियाजा लोकसभा चुनावों में नहीं उठाना पड़े। इसी के चलते लोकसभा चुनावों तक कांग्रेस की सरकार को ही बने रहने देना चाहती है।
इस संबंध में राजनीति के जानकार डीके शर्मा का कहना है कि दरअसल ऐसा लगता है कि भाजपा चुनाव के ठीक बाद भी सरकार बना सकती थी, लेकिन जानबुझकर एक रणनीति के तहत उसने ये काम नहीं किया। वहीं वर्तमान सरकार पर लगातार गिरा देने की बात कहते हुए प्रेशर बनाती दिख रही है।
शर्मा कहते है ऐसा लगता है कि भाजपा ये मानती है कि कांग्रेस की राज्य की सरकार लोकसभा चुनाव से पहले तक अपने सारे वादे पूरे नहीं कर सकेगी। वहीं कई तरह की गलतियां भी करेगी।
ऐसे में जहां इसका नुकसान कांग्रेस को लोकसभा में होगा वहीं इसका फायदा सीधे भाजपा के खाते में आएगा। इसके अलावा भी लोकसभा के बाद राज्य में सत्ता को लेकर कई तरह की कोशिशें हों, तो ये कोई बढ़ी बात नहीं होगी।