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(सपा – बसपा गठबंधन के प्रधानमंत्री का दावेदार कोन है पता नही ,कांग्रेस के प्रधानमंत्री के दावेदार का उत्तर प्रदेश में जनाधार नही – डॉ नरोत्तम मिश्रा

*(भारतीय जनता पार्टी में पार्टी ही परिवार है ओर कांग्रेस पार्टी में परिवार ही पार्टी है)*

*(बसपा – सपा गठबंधन के प्रधानमंत्री का दावेदार कोन है पता नही ,कांग्रेस से जो प्रधानमंत्री का दावेदार है उसका उत्तर प्रदेश में कोई  जनाधार नही।)*

*(कानपुर)*

भाजपा में कार्यकर्ता ही पार्टी है और कांग्रेस में एक परिवार ही पार्टी है। भाजपा सिद्धान्तों पर चलने वाली पार्टी है और कांग्रेस देश को खोखला करने वाली पार्टी है। सपा बसपा भले ही गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हो परन्तु इनके पास कोई ऐसा एक नाम नही है जो प्रधानमंत्री पद के लिए सामने कर सकें। ये सारे गठबंधन स्वार्थपूर्ण हैं समय आने पर एक दूसरे की टांग खींचते नजर आने वाले हैं।
किसी भी गठबंधन से भाजपा की सरकार बनने में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और,ओर जो गठबंधन हो रहे हैं वह गठबंधन बन कर ही  रह जाएंगे जनता ऎसे गठबंधनो को पंसद नहीं करेंगी यह मौका परस्त लोगों के गठबंधन है जो चुनाव के समय पर ही होते हैं!  कांग्रेस  सहित कई विपक्षी पार्टियां मोदी जी के नेतृत्व से डरे हुए हैं इसलिए यह राजनीतिक संधियां हो रही है!
कांग्रेस में भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे थे  इसलिए वह प्रियंका बांड्रा को ले आये यह पारिवारिक कुनवा है जो खुदका विकास कर रहा है देश के विकास से कोई लेना देना नहीं है!
डॉ नरोत्तम मिश्रा कानपुर उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव का सह प्रभारी बनाये जाने के बाद वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रो की बैठके कर रहें है  डॉ मिश्रा ने आज लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर कानपुर में लोकसभा क्षेत्रबार बैठको की समीक्षा बैठके की उन्होने आज  लोकसभा क्षेत्र फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र इटावा लोकसभा क्षेत्र कन्नौज लोकसभा क्षेत्र अकबरपुर  बैठको में भाग लिया
 इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे!
 श्री मिश्रा ने कहां की प्रधानमंत्री की नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 2019   में देश में भाजपा की सरकार बनने जा रही है,भाजपा के शासनकाल में देश बहुत तीर्व गति  से आगें बढ रहा हो!
  कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी करे या प्रियंका बांड्रा भाजपा को कोई फर्क  नहीं पड़ता ।
हर भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मिल कर अपनी जिम्मेदारी को समझें और अपना बुथ मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित करें!
   बूथ जीता चुनाव जीता के फार्मूले  को हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी गम्भीरता से समझे तो जीत आसान हो जाएगी।

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