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MP मंत्रिमंडल: मंत्रियों को साधने देर रात तक चली मशक्कत,पांच मंत्री अपनी पसंद पर अड़े

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को मंत्रियों को विभाग बांटना तय किया था, लेकिन पसंदीदा विभाग की मांग पर पांच मंत्रियों के अड़ जाने से बंटवारा अटक गया। कुछ मंत्रियों ने सीएम को साफ कह दिया कि उन्हें पसंद का विभाग ही चाहिए।

इसे लेकर देररात तक मशक्कत चली। अब गुरुवार को विभागों का आवंटन हो सकता है। इधर, कमलनाथ ने कैबिनेट से पहले मंत्री-अफसरों की बैठक में स्पष्ट किया कि पहले की सरकार की व्यवस्था अब नहीं चलेगी। सात मिनट में उन्होंने चार बार कहा कि सरकार सीएम सचिवालय नहीं, मंत्री-अफसर मिलकर चलाएंगे।

यदि उनके स्तर का कोई काम मुझ तक आया तो सीधे मंत्री-अफसर का गला पकडूंगा। जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम होना चाहिए।

जानिये किसे क्या चाहिए!…

1. सज्जन सिंह वर्मा: कमलनाथ ने वर्मा को लोक निर्माण विभाग और तरुण भनोत को नगरीय प्रशासन विभाग देना चाहा, लेकिन सज्जन नगरीय प्रशासन की मांग पर अड़े हैं। बुधवार को कैबिनेट के समय भी वे नहीं पहुंचे। बाद में बुलाया गया तो देरी से पहुंचे। वर्मा की जिद के कारण अब उन्हें यह विभाग दिया जा सकता है।

2. जीतू पटवारी : युवा मंत्री पटवारी को सीएम ने पर्यटन, युवा कल्याण व खेल विभाग देना तय किया है। लेकिन, पटवारी ने जनसम्पर्क व कृषि विभाग मांगकर आवंटन अटका दिया। पटवारी के राहुल गांधी के कोर गु्रप में होने के कारण उनके विभाग को लेकर दोबारा विचार-विमर्श किया जा रहा है। पटवारी अपनी पसंद पर अड़े हुए हैं।

3. तुलसी सिलावट: सिंधिया समर्थक सिलावट ने सीएम को कहा है कि उनका सम्मान बरकरार रहना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें मंत्री नहीं बनना, वे सिंधिया के साथ ही काम करेंगे। इस पर मामला उलझ गया है, क्योंकि सिंधिया खेमा मानता है कि सिलावट का नाम डिप्टी सीएम के लिए था, लेकिन अब मंत्री बनाकर गलत हुआ है।

4. विजय लक्ष्मी साधौ: पूर्व सांसद के बाद अब दोबारा मंत्री बनी विजयलक्ष्मी साधौ राजनीतिक कद के हिसाब से विभाग चाहती हैं। वे चिकित्सा शिक्षा विभाग पर अड़ी हैं। फिलहाल उन्हें यह विभाग नहीं दिया जा रहा था, लेकिन अब साधौ के अडऩे के कारण स्थिति उलझ गई है। अनुभवी होने के नाते साधौ की मांग पर मंथन किया जा रहा है।

5. इमरती देवी: सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी ने भी महिला एवं बाल विकास विभाग मांगकर बंटवारा उलझा दिया है। सूत्रों के मुताबिक इमरती ने सिंधिया तक गुहार लगाई है। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि उन्हें महिला बाल विकास के अलावा दूसरा विभाग नहीं चाहिए। इसे लेकर अब विचार-विमर्श का दौर है।

इधर, पहली कैबिनेट में बिजली आपूर्ति को लेकर अफसरों की खिंचाई… 
वहीं दूसरी ओर कांगेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में बुधवार को बिजली व्यवस्था पर मंथन किया गया। विभाग के प्रमुख सचिव आइसीपी केसरी ने बताया कि गांवों में 10 घंटे बिजली देते हैं, यह बहुत है।

इस पर मंत्री सचिन यादव बिफर गए। बोले, क्या कभी खेत में गए हो। यहां एसी में बैठकर कैसे बताते हो कि गांव के लिए 10 घंटे बिजली बहुत है। गांवों में बिजली नहीं मिल रही और आप पर्याप्त आपूर्ति बता रहे हैं। इसके बाद तरुण भनोत, इमरती देवी सहित अन्य मंत्री भी अफसरों पर बरस पड़े।

प्रेजेन्टेशन में पीएस केसरी ने जैसे ही बिजली आपूर्ति 13500 मेगावाट बताई तो मंत्री इमरती देवी ने कहा, मेगावाट से क्या समझ में आएगा। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आंकड़े बताने की बजाए ये बताओ कि कितने घंटे बिजली दी जा रही है। मंत्री भनोत ने कहा, प्रदेश बिजली में सरप्लस स्टेट था, अब कटौती करने लगे।

इससे लोगों में गलत संदेश जा रहा है कि कांग्रेस सरकार आई तो कटौती होने लगी है। जवाब में केसरी ने मेंटेनेंस चलने का हवाला दिया तो भनोत बोले-ऐसे में क्या हमे लोकसभा चुनाव हरवाओगे? मई तक सारे मेंटेनेंस रोक देें। चुनाव के बाद करवाना।

बिजली समस्याओं के मुद्दे पर पीएस केसरी ने कहा कि 1298 हेल्पलाइन पर फोन लगाने से समस्या हल हो जाती है। इस पर कमलनाथ ने कहा कि तुरंत फोन लगाओ, देखते हैं हकीकत। मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने नंबर डॉयल किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। मंत्रियों ने पूछा कि पिछली सरकार ने निजी कंपनियों से बिना बिजली खरीदे अनुबंध के तहत कितनी राशि चुकाई है।

केसरी ने जवाब दिया कि अनुबंध ऐसा है कि बिजली खरीदना ही होगी और नहीं खरीदते तो भी निश्चित राशि देना जरूरी है। दो साल पहले 2400 करोड़ दिए थे। एक साल पहले 1500 और इस बार 1000 करोड़ रुपए दिए। इस पर कमलनाथ ने नाराज होकर कहा कि ऐसा ही करना था तो आदिवासी क्षेत्रों में बिजली फ्री दे देते।

संजय शुक्ल से पूछा- आप कौन हो…
कमलनाथ ने पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी संजय शुक्ल से पूछा- आप कौन हो, शुक्ल बोले, पॉवर मैनेजमेंट कंपनी का एमडी हूं। जवाब सुनकर सीएम ने कहा, पीएस केसरी हैं तो आप क्यों? आपको आना है तो कंपनी के अफसरों को साथ लाना था। सात दिन बाद मैं फिर रिव्यू करूंगा।

पूर्व मंत्रियों के स्टॉफ को लेने पर पाबंदी
सीएम कमलनाथ ने मंत्रियों को हिदायत दी कि वे भाजपा सरकार के मंत्रियों के स्टाफ को पदस्थ न करें। सीएम ने कहा, जिसको पदस्थ करें, उसकी पूरी जानकारी ले लें। मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने पूर्व मंत्री संजय पाठक के पीए बसंत बाथरे को रख लिया है, हालांकि इनके अधिकृत आदेश नहीं निकले हैं।

नीरज मंडलोई के परिचय से चौंके मुख्यमंत्री
सर, मैं नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव माइनिंग और हायर एजुकेशन हूं। इतना सुनकर मुख्यमंत्री कमलनाथ थोड़ा चौंके और अचरज जताते हुए मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह से पूछा कि ये कैसा कॉम्बीनेशन है।

मुख्य सचिव ने उन्हें बताया कि मूलत: ये प्रमुख सचिव खनिज साधन हैं और उच्च शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार दिया है। नया अधिकारी खोज रहे हैं। सीएम ने कहा पुरानी परंपराओं से अलग हटकर काम करना है। बदलाव के लिए लोगों ने हमें चुना है।

आज कृषि विभाग का प्रेजेन्टेशन… कैबिनेट के पहले दिन बिजली विभाग ने प्रेजेन्टेशन दिया, जबकि गुरुवार को कृषि विभाग ऋण माफी पर तैयारियों और अमल के प्रारूप पर प्रेजेन्टेशन देगा।

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