सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इन राज्यों में भाजपा के विनाश को विकास में बदलने से यज्ञ में जो हमारे साथ चलेगा, उसका स्वागत है। जो नहीं चल पाएगा, वह अपने-अपने रास्ते चल सकते हैं। मप्र में साढ़े छह फीसदी वोटबसपा के मध्य प्रदेश में चार विधायक और करीब साढ़े छह फीसदी वोट है। जबकि 2008 के चुनाव में बसपा ने सात सीट जीती थीं। 2013 के आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ आठ फीसदी वोट का अंतर है। मध्य प्रदेश में दलितों की आबादी 15.2 प्रतिशत है। बढ़ सकता है बसपा का ग्राफकांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बसपा के अकेले चुनाव लड़ने से मुश्किलें बढ़ेंगी। क्योंकि, पिछले चुनाव में एक दर्जन से अधिक सीट पर कांग्रेस-भाजपा के अंतर से अधिक बसपा को वोट मिले थे। एससी/एसटी एक्ट पर विवाद के चलते इस बार बसपा के समर्थन में वृद्धि हो सकती है।
मध्य प्रदेश-राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति बिगड़ी
दस दिन के अंदर बसपा ने कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका देकर पार्टी की चुनावी रणनीति बिगाड़ दी है। अब पार्टी को नए सिरे से रणनीति तैयार करते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरना होगा। पर पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान पर बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। ताकि, लोकसभा में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा से गठबंधन का विकल्प खुला रहे। पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी में अपना विश्वास जताया है। कोई भी चौथा व्यक्ति बीच में नहीं आ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कपड़े में सलवटें है, तो हम सद्भाव और प्रेम से उन्हें दूर कर लेगे।