मध्य प्रदेश में पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, अतिथि विद्वानों के बाद अब पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.
मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ अब पुलिसकर्मियों के परिजनों ने मोर्चा खोला है. पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाकर कमलनाथ सरकार को वचनपत्र में सरकार बनने पर किए जाने वाले वादे याद दिलाए हैं. इसके साथ ही लाल परेड मैदान पर धरना देने की चेतावनी भी दी है.
प्रदेश में पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, अतिथि विद्वानों के बाद अब पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. पुलिस कर्मियों के परिवारों ने अब सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया है.
सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश पुलिस सुधार के नाम से पेज बनाया गया है. इस अंदोलन को कई लोगों का समर्थन भी मिल रहा है. पुलिस परिवारों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वचन पत्र में किए वादे याद दिलाए हैं, इसके साथ ही मांगे पूरी न होने पर पुलिस परिवारों ने आने वाले समय में लाल परेड मैदान में धरना देने की चेतावनी दी है.
पत्र में इन मांगों का किया उल्लेख
* आवास भत्ता 5 हजार रुपये किया जाए.
* गृह जिले में पदस्थापन दी जाए.
* दूसरे राज्यों की तरह 8 घंटे की ड्यूटी की जाए, जिससे पुलिस कर्मी तनाव मुक्त रहें.
* ओवरटाइम का अलग से भुगतान किया जाए.
* विशेष सशस्त्र बल की कंपनियों को स्थायी किया जाए.
* पुलिस अधिनियम 1861 को समाप्त किया जाए.
* साइकिल भत्ते की जगह मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए.
* पिछले 50 सालों में जिन भत्तों को नहीं बढ़ाया गया, उन्हें बढ़ाकर लागू किया जाए.