ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्र लिखकर कमलनाथ को घेरा, बीजेपी नेता ने कहा- सीएम तक पहुंचेंगे ही नहीं पत्र
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के पत्र दिखाएं, जिसमें सिंधिया ने पत्र में कमलनाथ से श्योपुर और मुरैना में किसानों का सर्वे कार्य प्रारंभ ना होने की बात लिखी है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर अपनी ही सरकार को घेरा है. उन्होंने अब मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्योपुर की समस्याओं से संबंधित मांगों का उल्लेख किया है. सिंधिया द्वारा लिखे इस पत्र के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सिंधिया के लिखे पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचेंगे ही नहीं, इन पत्रों का हश्र वहीं होगा जो पहले लिखे पत्रों का हुआ.
मिश्रा ने शायराने अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि ‘खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते- ढ़ूंढ़ते’. मिश्रा ने महाराष्ट्र में चुनावी सभा में राहुल गांधी द्वारा दिए भाषण पर भी तंज कसा और कहा कि राहुल मध्यप्रदेश का भाषण महाराष्ट्र में पढ़ गए.
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के पत्र दिखाएं, जिसमें सिंधिया ने पत्र में कमलनाथ से श्योपुर और मुरैना में किसानों का सर्वे कार्य प्रारंभ ना होने की बात लिखी है. सिंधिया ने कमलनाथ से मांग की है कि किसानों को पिछले साल रबी की फसल का बोनस दिया जाए.
सिंधिया द्वारा पत्र में उल्लेखित की गई मांगों को लेकर मिश्रा ने कहा कि कल महाराष्ट्र में राहुल गांधी किसानों से पूछ रहे थे कि कर्जा माफ हुआ या नहीं , युवाओं से पूछ रहे थे, रोजगार मिला या नहीं. मुझे लगता है मध्य प्रदेश का भाषण राहुल महाराष्ट्र में पढ़ गए. उन्होंने कहा कि अगर ये भाषण वाकई महाराष्ट्र के लिए था, तो मेरी राहुल गांधी से विनती है इस भाषण को मध्यप्रदेश में भी दोहराए, यहां किसानों का कर्जा माफ हुआ, बर्बाद फसलों का मुआवजा मिला.
मिश्रा कहा कि इस पर सितम ये है कि अपने ही सरकार को खत पर खत लिखे जा रहे है. उन्होंने कहा कि सिंधिया ने अब तक चार पत्र लिखे है , इसके पहले दिग्विजय सिंह ने पत्र लिखे. उसके पहले भी कई नेता पत्र लिख चुके हैं, जब कोई खता होता है तभी पत्र लिखता है.
उन्होंने शायराने अंदाज में कहा कि ‘खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते-ढूढ़ते’. मुझे पता है ये पत्र कभी मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचेंगे, इनका भी वही हर्ष होगा जो पहले लिखे पत्रों का हुआ है.
मिश्रा ने कहा कि गेहूं का अब तक किसानों को बोनस नहीं मिला है. कर्जा अब तक माफ नहीं हुआ है, बारिश से बर्बाद हुई फसल का अब तक मुआवजा नही मिला, सर्वे नही किया गया. ये मुद्दे पहले ही भाजपा उठाती आई है और अब कांग्रेस के नेता पत्र लिखकर सरकार को याद दिला रहे है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के कामों में देरी हो इसके लिए पटवारियों, तहसीलदारों और नायाब तहसीलदारों की हड़ताल करवाई गई.