भोपाल। मध्यप्रदेश समेत चार राज्यों में होने जा रहे चुनाव के लिए आचार संहिता एक-दो दिन में लगने वाली है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को चुनाव की तारीखों की घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त कर सकते हैं। इस संबंध में चुनाव आयोग ने भी सारी तैयारियां पूरी कर ली है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पूरा करने के बाद चुनाव आयोग नवंबर के अंतिम सप्ताह में चुनाव करा सकता है।
मध्यप्रदेश समेत चार राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की आचार संहिता गुरुवार-शुक्रवार को लग सकती है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन करने के बाद ईवीएम और वीपीपैट को जांचने का काम भी पूरा कर लिया गया है।
-इसके अलावा चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारियों का डेटाबेस भी तैयारकर लिया गया है।
-इसके अलावा चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारियों का डेटाबेस भी तैयारकर लिया गया है।
-माना जा रहा है कि 4 या 5 अक्टूबर को चुनाव की तारीखें भी घोषित कर दी जाएंगी। नवंबर अंत में अथवा दिसंबर के पहले सप्ताह तक चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे।
मध्यप्रदेश समेत छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे, जिसे तीन से पांच चरणों में बांटा जा सकता है।
शुक्रवार को लग सकती है आचार संहिता
पिछले चुनाव और अनुभवों के अनुसार चुनाव आयोग पांच अक्टूबर को या उसके बाद कभी भी तारीखों की घोषणा कर सकता है। जिस दिन से तारीख घोषित होगी, उसी समय से चार राज्यों में आचार संहिता लागू हो जाएगी।
पिछले चुनाव और अनुभवों के अनुसार चुनाव आयोग पांच अक्टूबर को या उसके बाद कभी भी तारीखों की घोषणा कर सकता है। जिस दिन से तारीख घोषित होगी, उसी समय से चार राज्यों में आचार संहिता लागू हो जाएगी।
नवंबर अंत में हो सकते हैं चुनाव
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग आम तौर पर शुक्रवार को चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है। इसलिए इस बार भी माना जा रहा है कि शुक्रवार 5 अक्टूबर को चुनाव आयोग दिल्ली में प्रेस कांफरेंस करके तारीखों का ऐलान कर देगा।
-कुछ दिनों पहले भोपाल आए मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी दलों से बातचीत करके चुनाव की तारीखों पर चर्चा की थी। पार्टियां भी चाहती हैं कि 7 नवंबर को दीपावली और 21 नवंबर को ईद के त्योहार संपन्न हो जाएं, उसके बाद ही मतदान और रिजल्ट की तारीख रखी जाए। इस कारण ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सके।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग आम तौर पर शुक्रवार को चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है। इसलिए इस बार भी माना जा रहा है कि शुक्रवार 5 अक्टूबर को चुनाव आयोग दिल्ली में प्रेस कांफरेंस करके तारीखों का ऐलान कर देगा।
-कुछ दिनों पहले भोपाल आए मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी दलों से बातचीत करके चुनाव की तारीखों पर चर्चा की थी। पार्टियां भी चाहती हैं कि 7 नवंबर को दीपावली और 21 नवंबर को ईद के त्योहार संपन्न हो जाएं, उसके बाद ही मतदान और रिजल्ट की तारीख रखी जाए। इस कारण ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सके।
पहले से सक्रिय हैं राजनीति दल
आचार संहिता लगने से पहले ही बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव का शंखनाद कर चुके हैं। भोपाल में 17 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का रोड शो था, वहीं 25 सितंबर को भाजपा ने कार्यकर्ता महाकुंभ करके अपनी ताकत दिखाई है। इसके बाद दोनों ही दल प्रचार की रणनीति में जुट गए हैं। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी आचार संहिता लगने से पहले कई फैसले ले रही है।
आचार संहिता लगने से पहले ही बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव का शंखनाद कर चुके हैं। भोपाल में 17 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का रोड शो था, वहीं 25 सितंबर को भाजपा ने कार्यकर्ता महाकुंभ करके अपनी ताकत दिखाई है। इसके बाद दोनों ही दल प्रचार की रणनीति में जुट गए हैं। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी आचार संहिता लगने से पहले कई फैसले ले रही है।
4 के बाद कभी भी हो सकती है घोषणा
2013 में हुए चुनाव से पहले 4 अक्टूबर 2013 को चुनाव की घोषणा हुई थी। इसके बाद 25 नवंबर को 2013 को वोटिंग कराई गई थी। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2018 में ही अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी।
-यह भी माना जा रहा है कि पिछली बार की ही तरह नवंबर का अंतिम सप्ताह चुनाव की दृष्टि से अनुकूल रहेगा। क्योंकि इस दौरान कोई त्योहार भी नहीं होंगे।
2013 में हुए चुनाव से पहले 4 अक्टूबर 2013 को चुनाव की घोषणा हुई थी। इसके बाद 25 नवंबर को 2013 को वोटिंग कराई गई थी। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2018 में ही अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी।
-यह भी माना जा रहा है कि पिछली बार की ही तरह नवंबर का अंतिम सप्ताह चुनाव की दृष्टि से अनुकूल रहेगा। क्योंकि इस दौरान कोई त्योहार भी नहीं होंगे।
कहां कितनी सीटों पर होंगे चुनाव
-इस साल के अंत में मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव होने हैं।
-40 सीटों वाली मिजोरम में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे।
-इसके बाद राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव होंगे। यहां बीजेपी की सरकार है।
-इसके बाद छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव होंगे। इन दोनों ही राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का कार्यकाल जनवरी 2019 में खत्म हो रहा है। जबकि 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ की रमन सरकार का भी कार्यकाल साथ-साथ खत्म होगा।-मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान अपने चौथे कार्यकाल के लिए मैदान में उतरेंगे। यहां 230 सीटें हैं।
-इस साल के अंत में मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव होने हैं।
-40 सीटों वाली मिजोरम में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे।
-इसके बाद राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव होंगे। यहां बीजेपी की सरकार है।
-इसके बाद छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव होंगे। इन दोनों ही राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का कार्यकाल जनवरी 2019 में खत्म हो रहा है। जबकि 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ की रमन सरकार का भी कार्यकाल साथ-साथ खत्म होगा।-मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान अपने चौथे कार्यकाल के लिए मैदान में उतरेंगे। यहां 230 सीटें हैं।