चले गये जाने वाले
कभी न लौटकर आने वाले
अपने वतन पर मर गये
वो इश्क ऐसा कर गये
कौन रोक सकेगा उनको
जो थे वतन से वफा निभाने वाले ….
चले गये जाने वाले
कभी न लौटकर आने वाले
न पायल की झनकार सुनी
न मोह की पुकार सुनी
वो भारती के नाम पर थे
जान निसार करने वाले….
चले गये जाने वाले
कभी न लौटकर आने वाले
क्या कोई हरा पायेगा
क्या कोई डरा पायेगा
कफन बान्धकर निकले वो
दुश्मनो का सीना चीरने वाले….
चले गये जाने वाले
कभी न लौटकर आने वाले
ना फूलो की खुशामद की
ना बहारो के मौसम देखे
ऐसे थे वो वीर जवान
अन्गारो पर चलने वाले….
चले गये जाने वाले
कभी न लौटकर आने वाले
गायेगी गौरव गाथाये
ये धरती ये आकाश
मिटा न सकेगा कोई
उनका ये अमर इतिहास
छोड़ गये वतन वो
अब हमारे हवाले….
चले गये जाने वाले
कभी न लौटकर आने वाले
