हर रिश्ता निभाना आना चाहिये।
फिर वो पल भर का हो या ज़िन्दगी के लिए।
मानती हूं कि लोग हर वक़्त एक जैसे नही होते,
पर क्या ये सही ? हमें भी उन्ही की तरह हो जाना चाहिए।
आँख भरी अगर वो न समझें,
आँख में कूड़ा है कह कर टाल देना चाहिये।
समझदारी से लोगो सहेज के रखो ,
क्यूंकि किसी अपने के दूर होने का दर्द महसूस नही होना चाहिये।
घण्टों लम्बी बाते, रिश्ता मजबूत नही बनाती।
एहसासों में विश्वास होना चाहिये।
किस्मत इंसान खुद ही लिखता है,
पर जो साथ न रहें,
उन्हें जाने देना चाहिये।
तकदीर का लिखा बदल भी जाए,
पर जो मोहब्बत तुम्हारी नही हैं,
उसे रोकना नही चाहिये।
हर इंसान अनमोल है जीवन मे,
शत्रु से भी प्रेम होना चाहिये,
हर तोहफा इनायत है उस खुदा की,
उसे सहेज के रखना चाहिए।