मासूम ने मंगलवार को पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत में आरोपितों आसिफ पिता जुल्फिकार और इरफान पिता जहीर खां को पहचान लिया।
मंदसौर। मंदसौर में 26 जून को दरिंदगी का शिकार आठ साल की मासूम ने मंगलवार को पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत में आरोपितों आसिफ पिता जुल्फिकार और इरफान पिता जहीर खां को पहचान लिया। दोनों को देखते ही उसकी आंखों में गुस्सा उतर आया।
बिना किसी डर के उसने एक की तरफ अंगुली दिखाते हुए कहा कि ‘इन अंकल ने मुझे बुलाया था, दूसरे की तरफ देख कर बोली- ‘यह अंकल मुझे साथ लेकर गए थे। बाद में झाड़ियों में दोनों अंकल फिर मिल गए।” उसके इतना कहते ही दोनों आरोपितों के पसीने छूटने लगे।
कोर्ट रूम का यह दृश्य वहां से छन कर निकली खबरों में सामने आया है। इंदौर से डीएसपी लक्ष्मी सेतिया मासूम के साथ कार से दोपहर में यहां पहुंची। विशेष कोर्ट में न्यायाधीश निशा गुप्ता के सामने बंद कमरे में सुबह सबसे पहले पीड़ित मासूम के बयान हुए।
घटना के बाद पहली बार दोनों आरोपितों आसिफ पिता जुल्फिकार और इरफान पिता जहीर खां को देखते ही उसका चेहरा तमतमा गया। आंखों में गुस्सा नजर आने लगा। आरोपितों की पहचान के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने भी मासूम से सवाल-जवाब किए, लेकिन उसने पूरे आत्मविश्वास से जवाब दिए।मंगलवार को ही कोर्ट में माता-पिता, दादी और ताऊ सहित अन्य के बयान भी हुए। जब ये बयान चल रहे रहे थे उस दौरान पूरे समय दोनों आरोपित कोर्ट में ही मौजूद थे। कोर्ट के बाहर तीन टीआई और पुलिस बल किसी भी विवाद को टालने के लिए तैनात था। शाम को दोनों आरोपितों को जेेल भेज दिया गया।बालिका के बयान ठीक होनेे और पीड़िता द्वारा आरोपितों को पहचान लेने के बाद पुलिस अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली। पुलिस अधिकारियों की सबूत एकत्र करने और केस डायरी तैयार करने के लिए की गई मेहनत मासूम के बयान से पूरी होती दिख रही है।
एक बार तो पुलिस अफसरों के भी उड़ गए होशबालिका के बयान के दौरान एक बार तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए और उन्हें लगा कि सारी मेहनत बेकार न चली जाए। दरअसल, बयान के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने बालिका से पूछा था कि इंदौर के अस्पताल में पुलिस बयान लेने आई थी, तब बालिका ने स्पष्ट मना कर दिया कि पुलिस अंकल बयान लेेने नहीं आए। हालांकि बाद में वह बोली के एक गोरे से लंबे से अंकल आए थे और उन्होंने पूछताछ की थी। बाद में यह साफ हुआ कि सीएसपी सादी वर्दी में उसकेे बयान लेने गए थे इसलिए गफलत हो गई थी। अब 1 अगस्त को सात स्वतंत्र साक्षियों के लिए बयान होंगे।इनका कहना हैमंगलवार को पॉक्सो एक्ट की विशेष कोर्ट में पीड़ित बालिका के अच्छे बयान हुए हैं। दोनों आरोपितों को भी कोर्ट में लाया गया था। इसके अलावा बालिका के परिजनों के भी बयान हुए।
बीएस ठाकुर, उप संचालक, अभियोजनयह है मामला26 जून की शाम को हाफिज कॉलोनी स्थित एक स्कूल से बालिका का अपहरण कर आरोपित इरफान और आसिफ ने लक्ष्मण शाह दरवाजे के पास झाड़ियों में सामूहिक दुष्कर्म किया था। बाद में उसके गले पर गहरा घाव कर भाग गए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखकर 27 जून को इरफान व 29 जून को आसिफ को गिरफ्तार किया था। इसे लेकर शहर भर के लोगों ने आक्रोश जताया था और एक दिन जिले भर मंे बंद भी रहा था। वकीलों ने आरोपितों की पैरवी नहीं करने की घोषणा की थी तो मुस्लिम समाज ने कबिस्तान में दो गज जमीन भी नहीं देने को कहा था। 10 जुलाई को चालान पेश हुआ था, पर न्यायालय में कोई भी वकील आरोपितों की पैरवी करने को तैयार नहीं होने से सुनवाई शुरू नहीं हो पा रही थी। विधिक सहायता ने दो वकीलों दीनदयाल भावसार और राजेंद्रसिंह पंवार का नाम पैरवी के लिए तय किया। उनकी सहमति के बाद कोर्ट में 18 जुलाई को आरोप पत्र तय हुआ है। इसमें आरोपितों को पहली बार कोर्ट में पेश किया गया। आरोपित आसिफ की तरफ सीहोर के अधिवक्ता राजकुमार मालवीय भी कोर्ट में आए हैं। 19 जुलाई को अभियोजन ने ट्रायल प्रोग्राम पेश कर दिया था। उसके बाद सोमवार से ट्रायल प्रारंभ हुआ।
