भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कानून की बिगड़ती स्थिति को लेकर सदन गरमाने गरमाने वाला है। पहले दिन प्रश्नकाल नहीं हुआ, लेकिन प्रश्नोत्तरी का पहला सवाल ही प्रदेश में बढ़ते अपराधों के ग्राफ पर था।
भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में गृह मंत्री बाला बच्चन ने बताया कि 12 दिसंबर 2018 से 31 मई 2019 तक मध्यप्रदेश में हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण, चारी इत्यादि की 19683 घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि सर्वाधिक 3762 वारदात इंदौर संभाग में हुई हैं। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा है। यहां हत्याएं 154, बलात्कार 447, लूट 96, चोरी 2283 की घटनाएं हुई हंै। जबकि जबलपुर संभाग अपहरण के मामले में टॉप में हैं। बीते छह माह में जबलपुर संभाग में 618 अपहरण की वारदात हुई हैं।
छह माह में हुए अपराध
हत्या 818
बलात्कार 2435
अपहरण 4566
लूट 578
चोरी 11286
कुल अपराध 19683
बलात्कार 2435
अपहरण 4566
लूट 578
चोरी 11286
कुल अपराध 19683
71 किसानों ने की आत्महत्या
विधानसभा के सवालों में किसानों की आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं। एक दिसंबर 2018 से 12 जून 2019 तक 71 किसानों ने मौत को गले लगाया है। इनमें सबसे ज्यादा सागर में 13 और सीधी में 14 किसानों ने खुदकुशी की है।
फिर उठा गोलीकांड
फिर उठा गोलीकांड
मंदसौर गोलीकांड एक बार फिर उठ गया है। कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने लिखित सवाल पूछा कि मंदसौर में हुए किसान आंदोलन में किन-किन लोगों के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष के कारण प्रकरण बनाए और क्या उन्हें चिन्हित किया है। इनको कब तक वापस लिया जाएगा। इस सवाल पर गृह मंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि आपराधिक प्रकरण विधि सम्मत दर्ज किए गए हैं। प्रकरण वापसी के संबंध में 31 जनवरी 2019 नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कार्रवाई चल रही है।
सडक़ हादसों में हर माह हो रही एक हजार मौत
प्रदेश में लगातार सडक़ हादसों में इजाफा हो रहा है। इस पर गृह मंत्री बाला बच्चन विधानसभा में लिखित जवाब में तर्क दिया कि जनसंख्या बढऩे से वाहनों की संख्या बढ़ रही है, जिससे एक्सीडेंट भी बढ़ते जा रहे हैं। भाजपा विधायक कमल पटेल के सवाल के लिखित जवाब में बच्चन ने बताया कि साढ़े छह माह में सडक़ हादसे में 6567 लोग जान गंवा चुके हैं। जनसंख्या और वाहनों की वृद्धि इसका कारण है। इतना ही नहीं 23 जिलों के 81 लोग ओवरलोड डंपरों के कारण मौत का शिकार हुए हैं।
भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने सवाल पूछा कि सरकार ने किसानों का कर्ज तो माफ कर दिया, लेकिन बैंकों में पैसे नहीं दिए। इससे किसान डिफाल्टर हो गए। इन किसानों को खरीफ की फसल के लिए कर्ज देने की कौन सी योजना लागू की जा रही है। इनको कर्ज मिलेगा या नहीं। इसके लिखित जवाब में कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि इसकी जानकारी एकत्रित की जा रही है।