भोपाल जिले के माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्यायालय में आरोपी परका उर्फ प्रकाश पिता बद्री प्रसाद साठिया उम्र 37 साल नि. म.नं. 42 इस्लामी गेट के पास शाहजहांनाबाद भोपाल द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया । शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम, श्रीमती मनीषा पटेल, एवं श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उक्त अपराध बालिकाओं के लैंगिक शोषण से संबंधित है, एवं आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं होगा। केस डायरी के अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए उक्त जमानत माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त कर आरोपी ओम को जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्रीमती मनीषा पटेल ने बताया कि फरियादी ने थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि वह दिनांक 14/12/2018 को वह अपनी पत्नी व बेटी जिसकी उम्र लगभग 13 साल के साथ कैम्प नं. 12 की तरफ रेल्वे स्टेशन के पास बैरागढ में रात्री में सोया था साथ में उसका साला दीपक व ससुर अन्ना उसके भाई अरूण उर्फ हरू पिता मुन्नालाल, अनिश पिता राजा, लक्की पिता बाबूलाल, गोविंदा पिता बाबूलाल भी रूके थे। रात में करीब 1 बजे उसकी नींद खुली तो देखा कि उसके पूरे रिश्तेदार व बेटी उस जगह पर नहीं थे। दिनांक 26.09.2019 को उसकी बेटी को दस्तयाव किया गया। पीडिता ने बताया कि वह अपने मम्मी–पापा के साथ सो रही थी जब उसकी नींद खुली तो वह पिपलिया मंडी में थी, और उसे एक कमरे में बंद करके रखा था। आरोपी गोविंदा व लक्की उसके कपडे उतारकर बारी-बारी उसके साथ गलत काम करते थे। पीडिता को लगभग 6 माह तक एक कमरे में रखा व उसके साथ रोज आरोपियों द्वारा गलत काम किया जाता था।
पुलिस द्वारा उक्त अपराध थाना बैरागढ अंतर्गत धारा 363, 366, 376डी ए, 376(2)(एन) 34 भादवि व 5/6 पाक्सो एक्ट के अपराध क्र. 08/2019 तहत पंजीबद्ध किया गया।
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