राज्यसभा में अभी 6 खाली सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया 5 जुलाई तक पूरी हो जाएगी. इसके बाद राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 235 होगी. 4 राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग कारणों से फिलहाल चुनाव नहीं हो रहे हैं.
मंथन न्यूज-
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक बिल को लेकर कितनी संजीदा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोदी सरकार 2.0 में लोकसभा में जो बिल सबसे पहले पेश हुआ, वह तीन तलाक का रहा. दरअसल ये बिल मोदी सरकार की प्राथमिकता के साथ-साथ प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है. सरकार के सामने इस बिल को पास कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये खासियत है कि वो जो फैसला कर लेते हैं, उसे किसी कीमत पर लागू कराना जानते हैं. इसीलिए सरकार ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है .
5 जुलाई के बाद ये होगा राज्यसभा का गणित
राज्यसभा में अभी 6 खाली सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया 5 जुलाई तक पूरी हो जाएगी. इसके बाद राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 235 होगी. 4 राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग कारणों से फिलहाल चुनाव नहीं हो रहे हैं.
इन 6 सीटों में गुजरात की 2 सीट बीजेपी के खाते में जाएंगी, जबकि बिहार की एक सीट बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में जा चुकी है. वहीं उड़ीसा की तीन सीटों में एक बीजेपी को मिल रही है. यानी 5 जुलाई के बाद बीजेपी की राज्यसभा में 79 सीटें हो जाएंगी जबकि एनडीए में उसके सहयोगी एआईडीएमके की 13, जेडीयू की 6, शिवसेना 3, लोकजनशक्ति पार्टी 1 और मनोनीत और निर्दलीय 11 सीटें होंगी.

ऐसे में कुल मिलाकर एनडीए की 113 सीटें हो जाएंगी, जो बहुमत से सिर्फ 5 सीटें कम रहेंगी. हालांकि 18 जुलाई को तमिलनाडु की 6 खाली सीटों पर चुनाव होने के बाद एनडीए को एक सीट का नुकसान हो सकता है.राज्यसभा में ऐसे पास होगा तीन तलाक बिलबात करें तीन तलाक बिल की तो बीजेपी की सहयोगी जेडीयू इस बिल का विरोध कर रही है. ऐसे में राज्य सभा में तीन तलाक बिल आने पर जेडीयू विरोध करते हुए राज्यसभा से वॉकआउट कर सकती है. इसके बाद बहुमत से सरकार की दूरी 5 से बढ़कर 8 हो जाएगी. जिसके चलते सरकार की नजर उन दलों पर होगी, जो ना तो एनडीए के साथ हैं, न ही यूपीए के साथ.इन दलों में 5 सदस्यों वाली बीजेडी, 6 सदस्यों वाली टीआरएस, 2 सीटों वाली वाईएसआर पर रहेगी. इसके अलावा इनकी नजरें एक सदस्यों वाले एनपीएफ और 2 निर्दलीय सदस्यों पर होगी. ये पार्टियां यदि तीन तलाक बिल के समय वॉकआउट भी कर जाती है तो सरकार ये बिल पास करा लेगी.
5 जुलाई के बाद ये होगा राज्यसभा का गणित
राज्यसभा में अभी 6 खाली सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया 5 जुलाई तक पूरी हो जाएगी. इसके बाद राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 235 होगी. 4 राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग कारणों से फिलहाल चुनाव नहीं हो रहे हैं.
इन 6 सीटों में गुजरात की 2 सीट बीजेपी के खाते में जाएंगी, जबकि बिहार की एक सीट बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में जा चुकी है. वहीं उड़ीसा की तीन सीटों में एक बीजेपी को मिल रही है. यानी 5 जुलाई के बाद बीजेपी की राज्यसभा में 79 सीटें हो जाएंगी जबकि एनडीए में उसके सहयोगी एआईडीएमके की 13, जेडीयू की 6, शिवसेना 3, लोकजनशक्ति पार्टी 1 और मनोनीत और निर्दलीय 11 सीटें होंगी.

ऐसे में कुल मिलाकर एनडीए की 113 सीटें हो जाएंगी, जो बहुमत से सिर्फ 5 सीटें कम रहेंगी. हालांकि 18 जुलाई को तमिलनाडु की 6 खाली सीटों पर चुनाव होने के बाद एनडीए को एक सीट का नुकसान हो सकता है.राज्यसभा में ऐसे पास होगा तीन तलाक बिलबात करें तीन तलाक बिल की तो बीजेपी की सहयोगी जेडीयू इस बिल का विरोध कर रही है. ऐसे में राज्य सभा में तीन तलाक बिल आने पर जेडीयू विरोध करते हुए राज्यसभा से वॉकआउट कर सकती है. इसके बाद बहुमत से सरकार की दूरी 5 से बढ़कर 8 हो जाएगी. जिसके चलते सरकार की नजर उन दलों पर होगी, जो ना तो एनडीए के साथ हैं, न ही यूपीए के साथ.इन दलों में 5 सदस्यों वाली बीजेडी, 6 सदस्यों वाली टीआरएस, 2 सीटों वाली वाईएसआर पर रहेगी. इसके अलावा इनकी नजरें एक सदस्यों वाले एनपीएफ और 2 निर्दलीय सदस्यों पर होगी. ये पार्टियां यदि तीन तलाक बिल के समय वॉकआउट भी कर जाती है तो सरकार ये बिल पास करा लेगी.