*दबंगों द्वारा मंदिर पर कब्जा हटाने एकत्रित हुआ बेड़िया समाज*
*रेशम माता मंदिर हमारा है और रहेगा: उषा कलावत*
*शिवपुरी* शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील अंतर्गत आने वाले रेशम माता मंदिर पर बीते दिनों जो विवाद हुआ जिसमें रेशम माता मंदिर समिति अध्यक्षा रूपा धनावत के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटना करने के अलावा दबंगों के द्वारा मंदिर पर कब्जा कर उन्हें वहां से भगा दिया गया उसके बाद आज एक बार फिर बेड़िया समाज की ओर से बैठक रखी गई इस बैठक का उद्देश्य किसी भी तरह दबंगों द्वारा मंदिर पर किए गए कब्जे से मुक्त कराना था यह बैठक पुलिस की देखरेख में रखी गई थी बैठक में बेड़िया समाज की ओर से नेतृत्व कर रहे बेड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र कलावत ने कहा कि रेशम माता का अति प्राचीन मंदिर बेड़िया समाज का है और रहेगा इस पर दबंगों द्वारा जो कब्जा करने की कोशिश की गई है उसे सफल नहीं होने दिया जाएगा हमारे द्वारा दबंगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट की गई है पुलिस द्वारा उन्हें फिर भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों में इस मामले हेतु आंदोलन और प्रदर्शन होंगे उनका कहना था कि बेड़िया समाज के द्वारा रेशम माता मंदिर जो अपनी दीन अवस्था में पड़ा हुआ था उस पर ईमानदारी से डेवलपमेंट करते हुए भवन निर्माण कार्य कराया गया और जब मंदिर निर्माण अपनी पूर्णता की और है ऐसे में कुछ लोगों के द्वारा उस पर कब्जा करने की जो कोशिश की जा रही है उसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा वहीं बैठक में उपस्थित अखिल भारतीय कलावत महासभा की जिला अध्यक्ष उषा कलावत ने कहा कि रेशम माता मंदिर 200 साल पुराना होकर अति प्राचीन है यहां पर शुरू से ही बेड़िया समाज द्वारा पूजा-अर्चना का कार्य किया जा रहा है रेशम माता मंदिर हमारा है और रहेगा कई बरसों से खराब हालत में पड़े मंदिर में जब हमारे समाज के द्वारा भारी मात्रा में पैसा लगाकर भव्यता प्रदान की गई है तो ऐसे में कुछ गलत नीयत रखने वाले गांव वालों की नजरें मंदिर पर होने बाली चढोत्तरी पर होने लगी है इन्हें उस समय ख्याल क्यों नहीं आया जब मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ था यह विचारणीय प्रश्न है आज हमारे समाज के द्वारा मंदिर को भव्यता प्रदान की गई है तो यह मारपीट पर उतारू हो गए हैं वहीं बैठक के दौरान कई पुरानी बातें निकल कर सामने आई जिसका बातचीत उपरांत निष्कर्ष निकाला गया बैठक के दौरान बेड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र कलावत, जिलाध्यक्ष प्रदेश सचिव जसवंत सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह बेड़िया, प्रदेश महामंत्री घनश्याम कलावत, प्रदेश सचिव मलखान सिंह कलावत, जिला कोषाध्यक्ष मुन्नालाल, ब्लॉक अध्यक्ष मुकेश कलावत, अध्यापक भोलू राम कलावत, नरेंद्र धनावत, रूपा धनावत,मीना धनावत, तनूजा धनावत, निर्मला धनावत, गुड्डू धनाबत, अन्नू धनाबत, सुनील धनावत, मंगल धनावत के अलावा बेड़िया समाज के लोग भारी संख्या में मौजूद थे वहीं आज एक बार फिर बैठक में बिना बुलाए कई गांव वाले पहुंच गए जो वहां से बेड़िया समाज के लोगों से बहस करने लगे पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर कहा कि शांति से बात करें अन्यथा की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की जाएगी
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*हमारी कुलदेवी हैं रेशम मैया*
बेड़िया समाज की ओर से बैठक में आए अशोक सिंह बेड़िया जिला अध्यक्ष बेड़िया समाज सुधार समिति एवं बेड़िया समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि रेशम माता हमारी कुलदेवी है और इनके बिना हमारे यहां कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे पूर्वजों से लेकर आज तक हमारा इस मंदिर पर आना जाना जारी है मंदिर की व्यवस्था एवं रखरखाव में हमेशा बेड़िया समाज ने सहयोग किया है और आज जब मंदिर पर समाज के द्वारा मेहनत और ईमानदारी के साथ भव्यता प्रदान की गई है तो ऐसे में हम वहां पर किसी भी तरह का अनैतिक कार्य कैसे स्वीकार कर सकते हैं
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*मंदिर के ठीक सामने दुकानें बनाकर ढकने का प्रयास रहा लड़ाई की मुख्य वजह*
रेशम माता मंदिर के ठीक सामने कुछ ग्रामीणों द्वारा नीव खोदकर एक साथ कई दुकानें बनाने का कार्य किया जा रहा था नींव खोदने के लिए मना करने जब रेशम माता समिति की अध्यक्षा रूपा धनावत पहुंची तो ग्रामीणों द्वारा उनके साथ बदसलूकी की जिसके बाद श्रीमती रूपा धनावत वहां से भागकर शिवपुरी आई और इस संबंध में पुलिस मैं जगदीश लोधी धर्मेंद्र लोधी हल्के लोधी सरवन राव के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई श्रीमती धनावत का कहना है कि जिस समय मंदिर जीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ था उस समय गांव वालों द्वारा किसी भी तरह की कोई प्रगति के प्रयास नहीं किए गए और आज जब मंदिर अपनी पूरी भव्यता की ओर है ऐसे में इन लोगों के द्वारा मंदिर के ठीक सामने दुकानें बनाकर उसकी भव्यता को खत्म करने का प्रयास कर रहे थे और मना करने पर मुझ दलित महिला के साथ मारपीट की गई पुलिस प्रशासन ने अभी तक इन लोगों की गिरफ्तारी तक नहीं की है जबकि हम कम से कम 10 चक्कर लगा चुके हैं आज भी मंदिर पर उन्हीं लोगों का कब्जा बना हुआ है