सूचना मिलते ही एसपी शिवपुरी और उप पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एसडीओपी पोहरी सुजीत सिंह भदौरिया ने क्षेत्र की घेराबंदी करते हुए विशेष टीमों का गठन किया.
बेटे को दी सूचना
अपहृत किसान के बेटे साहब सिंह ने बताया कि उसके पिता का अपहरण किया है और उन्होंने मोबाइल पर रोते हुए अपने बेटे राजेन्द्र को बताया कि उन्हें सतनबाड़ा के जंगलों में रखकर मारपीट की जा रही है. पुलिस ने जल्दी ही मोबाइल के लोकेशन ट्रेस किये, जो थाना सतनवाड़ा क्षेत्र में पाई गई. पुलिस की अलग-अलग टीमें घटनास्थल पर पहुँच गईं और अपहृत किसान को सतनवाड़ा के झिरना सरकार मंदिर के पास से खोज निकाला.
किसान ने सुनाई कहानी
पूछताछ में किसान ने बताया कि उसने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी रची थी. दरअसल, किसान होतम यादव का छोटा बेटा राजेंद्र 14 लाख रुपए अपने पिता से ले चुका था. वह कहता था कि उसकी रेलवे में नौकरी लग चुकी है, पिता को उसका आचरण संदिग्ध लगता था. होतम यादव ने बेटे से पैसों की मांग की, बेटा पैसे नहीं लौटा रहा था. अपने बेटे से पैसे वापस लेने के लिए किसान ने फर्जी अपहरण की साजिश रची.
खुद ही रची थी साजिश
एसडीओपी पहरी सुजीत सिंह भदोरिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि किसान खुद ही अपने अपहरण की कहानी रची थी. उन्होंने बताया कि उनका लड़का उनसे लगभग 15 लख रुपए ले चुका था और वह कहता था कि मेरी रेलवे में नौकरी लग चुकी है. वह पिता के पैसे वापस नहीं लौटा रहा था, इसलिए उन्होंने अपहरण की साजिश रची थी