भोपाल मंथन न्यूज।- भारतीय जनता पार्टी विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। विधानसभा का मानसून सत्र 8 जुलाई से शुरू हो रहा है। पार्टी बिगड़ती कानून व्यवस्था, किसानों की कर्जमाफी में वादाखिलाफी, किसानों को खाद-बीज की परेशानी और बिजली कटौती पर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की तैयारी में है।
वहीं, कांग्रेस भी भाजपा का जवाब देने के लिए भाजपा महासचिव महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा निगम अफसर की पिटाई, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, विधायक जालम सिंह पटेल और कमल पटेल के बेटों के उत्पात को मुद्दा बनाएगी। पार्टी विधायक इस तैयारी में हैं कि इन मुद्दों पर सदन में चर्चा कराई जाए। इसके अलावा भाजपा कार्यकाल में हुए घोटालों को लेकर भी सरकार रिपोर्ट तैयार करवा रही है।
तबादलों पर कांग्रेस सरकार को घेरेगी भाजपा
लगभग पंद्रह साल से अधिक समय के बाद भारतीय जनता पार्टी पहली बार बजट पेश करने के दौरान विधानसभा में विपक्ष में बैठी दिखाई देगी। 108 विधायकों वाली विपक्षी पार्टी भाजपा तबादलों को लेकर सरकार को सदन में घेरेगी। बहुत सारे विधायकों ने पहले से ही तबादलों पर सवाल भी लगाए हैं। प्रदेश में बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे स्तर पर भी व्यापक पैमाने पर तबादले हुए हैं। अब तक भाजपा सरकार पर तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है लेकिन विधानसभा में इस मुद्दे पर पार्टी ने हंगामेदार बहस करने की रणनीति बनाई है।
फ्लोर टेस्ट की मांग भी कर सकती है भाजपा
भाजपा किसानों के मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाएगी। इसमें सर्वाधिक तैयारी किसान कर्जमाफी के मुद्दे की है। भाजपा इस तैयारी में है कि इस मुद्दे पर सदन में फ्लोर टेस्ट करा लिया जाए। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में किसानों से दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी का वादा किया था। बिजली कटौती जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार से जवाब मांगेगा।
चौतरफा भ्रष्टाचार बढ़ा है-भार्गव
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कहते हैं कि प्रदेश में चौतरफा भ्रष्टाचार बढ़ा है। हर तरफ बिना लेनदेन के कोई काम नहीं हो रहा है। तबादलों में सरकार का लेनदेन जगजाहिर है। विधानसभा सत्र में हम किसान कर्जमाफी में चल रहे असमंजस पर सरकार से जवाब मांगे। सरकार की वादाखिलाफी के कारण कई किसानों ने आत्महत्या कर ली। अब तक पानी नहीं गिरने के कारण प्रदेश में पीने के पानी का संकट बना हुआ है। सरकार कोई इंतजाम नहीं कर रही है। अवैध खनन सब तरफ तेजी से बढ़ गया है। बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बढ़े हुए बिजली बिल से लोग परेशान हैं।
भार्गव ने कहा कि नई शराब नीति के मुद्दे पर भी हम सरकार से जानना चाहते हैं कि क्या वे आम आदमी को शराबखोर बनाना चाहते हैं। मुद्रांक और पंजीयन में भी सरकार ने 20 फीसदी पजीयन शुल्क करने सरकार ने भारी लेनदेन किया है। एक तरफ सरकार पैसा न होने का रोना रोती है दूसरी तरफ राजस्व नुकसान करवा रही है।
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