होशंगाबाद में मोहम्मद, बैतूल में मलय और हरदा में सेलवेन्द्रन होंगे प्रभारी सचिव, किसी भी आपात स्थिति में रहेगा जिले के फैसले लेने का अधिकार
होशंगाबाद। कमलनाथ सरकार ने प्रभारी मंत्री की तर्ज पर जिले में सीनियर आइएएस अफसरों को जिला सचिव नियुक्त किया है। प्रभारी सचिव अपने जिले में शासन की चलाई जाने वाली योजनाओं की कलेक्टर के ऊपर भी मॉनिटरिंग कर सकेंगे। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों को प्रभारी सचिव नियुक्त किया गया है। सरकार के कामों में तेजी लाने के लिए यह कवायद की गई है। जिले की प्रशासनिक समन्वय, योजना समीक्षा व फैसलों की कमान इनके हाथ में रहेगी। किसी भी आपात स्थिति में इन सचिवों को अपने जिले के फैसले करने के अधिकार होंगे।
संभाग में यह होंगे प्रभारी सचिव
– होशंगाबाद के लिए 1988 बैच के आइएएस अफसर मोहम्मद सुलेमान को नियुक्त किया गया है। अभी उनके पास आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी है।
– बैतूल के लिए 1990 बैच के मलय श्रीवास्तव को प्रभारी सचिव बनाया गया है। वो अभी लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं।
– हरदा के लिए 202 बैच के आइएएस अफसर एम सेलवेन्द्रन को प्रमुख सचिव बनाया गया है। उन पर अभी सचिव मध्यप्रदेश शासन की जिम्मेदारी है। वो अभी राजस्व विभाग एवं आयुक्त भू-अभिलेखा सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य को देख रहे हैं।
प्रभारी सचिवों के अधिकार व कार्यक्षेत्र
प्रभारी सचिवों को जिले में नियमित भ्रमण करना होगा। कम से कम दो माह में एक बार यह भ्रमण करना जरूरी रहेगा। राज्य सरकार ने प्रभारी सचिव की समीक्षा के विषय भी तय किए हैं। जिसमें किसान कर्ज माफी, फसल की खरीदी और उसके भुगतान, नगरीय व ग्रामीण इलाकों में पेयजल की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, वनाधिकार पट्टों, तेंदूपत्ता संग्रहण, स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े साइकिल वितरण व रिक्त पदों की समीक्षा, आंगनबाड़ी, शासन की बड़ी योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पोषण आहार, चिकित्सा में डॉक्टरों की उपस्थिति व उपलब्धता, सड़क निर्माण, मनरेगा, गौशाला, शौचालयों के कामों, जिला सरकार और खनिज नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा कर सकेंगे।
प्रभारी सचिवों को जिले में नियमित भ्रमण करना होगा। कम से कम दो माह में एक बार यह भ्रमण करना जरूरी रहेगा। राज्य सरकार ने प्रभारी सचिव की समीक्षा के विषय भी तय किए हैं। जिसमें किसान कर्ज माफी, फसल की खरीदी और उसके भुगतान, नगरीय व ग्रामीण इलाकों में पेयजल की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, वनाधिकार पट्टों, तेंदूपत्ता संग्रहण, स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े साइकिल वितरण व रिक्त पदों की समीक्षा, आंगनबाड़ी, शासन की बड़ी योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पोषण आहार, चिकित्सा में डॉक्टरों की उपस्थिति व उपलब्धता, सड़क निर्माण, मनरेगा, गौशाला, शौचालयों के कामों, जिला सरकार और खनिज नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा कर सकेंगे।