कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की है
इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार में होने बावजूद भी इस बार सिर्फ एक सीट जीती है। छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव जीते हैं। बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के भूपेल बघेल और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गए हैं। लेकिन कमलनाथ कहीं नहीं दिख रहे हैं।
मध्यप्रदेश के कांग्रेस महासचिव और पश्चिम उत्तर प्रदेश के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया वहां मौजूद हैं। सिंधिया भी इस बार गुना से चुनाव हार गए हैं। वहीं, सोमवार को कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसके साथ ही वह जल्द ही मंत्रिमंडल का भी विस्तार कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले दो दिनों से सीएम कमलनाथ भोपाल में घर पर ही हैं। उन्होंने शुक्रवार को दिग्विजय सिंह से मुलाकात की थी। हार की समीक्षा के लिए कमलनाथ ने विधायकों की बैठक बुलाई है। जिस में वे हार के कारणों की समीक्षा करेंगे।
वहीं, कमलनाथ ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के सामने इस्तीफे की पेशकश की है। बताया जा रहा है कि दीपक बाबरिया इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ विचार -विमर्श करेंगे। दीपक बाबरिया ने कमलनाथ को राहुल गांधी से विचार-विमर्श करने की सलाह दी है।
कमलनाथ विधानसभा चुनाव के बाद ही कमलनाथ अध्यक्ष पद छोड़ना चाहते थे। कमलनाथ ने कहा- विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष छोड़ने के लिए राहुल गांधी से आग्रह किया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। कमलनाथ ने कहा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद अध्यक्ष पद के साथ न्याय नहीं हो पाएगा ऐसे में पार्टी को नए प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत है। जिससे की रसकार और संगठन सुचारू रबप से काम कर सकें।