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महबूबा-उमर नजरबंदी के दौरान ही झगड़ पड़े, उमर को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा

महबूबा और उमर को हरि निवास में रखा गया था, एक दिन दोनों टहल रहे थे, तभी कश्मीर के हालात के लिए एक-दूसरे को दोष देने लगे

नजरबंदी के दौरान महबूबा के ट्वीट्स का जिम्मा उनकी बेटी सना संभाल रहीं, कश्मीर के बाहर से कर रहीं ट्वीट

श्रीनगर. दिल्ली से श्रीनगर जाने वाली फ्लाइट में सिक्योरिटी चेक चल रहा था। स्कैनिंग मशीन बैग, खिलौने, राइस कुकर, मिठाईयां और स्लीपिंग बैग उगलने लगी। बड़ी देर से एक कश्मीरी महिला स्कैनिंग मशीन से अपने फोन के बाहर आने का इंतजार करती रही। उसने वहां खड़े सीआईएसएफ वाले से पूछा, “फोन कहां गया”? सीआईएसएफ वाले ने यूं ही मजाक में कहा, आपका फोन तो कोई ले गया। महिला बोली, जाने दो, वैसे भी मैं जहां जा रही हूं, वहां इसका कोई काम नहीं।
घाटी में पिछले एक हफ्ते से फोन, लैंडलाइन, इंटरनेट सब बंद है। लोग घरों में कैद हैं। हालांकि जरूरत का सब सामान आसानी से मिल रहा है। सुबह शाम कश्मीरी रोटियों की दुकानें खुलती हैं। दूध से लेकर दवाई तक सब आसान हद में है। सड़कों पर जरूरी आवाजाही भी है।
लोग कहते हैं कश्मीरियों के साथ नाइंसाफी हुई- टैक्सी ड्राइवर गुलाम मोहम्मद
डाउनटाउन के कुछ संवेदनशील इलाके छोड़ दें तो रास्ते आम दिनों जैसे खुले हैं। जिन गलियों को तारबंदी से रोका गया है, वहां लोगों को आने-जाने के लिए सुरक्षाबल कई बार तारों को समेट रास्ता बना देते हैं। बस पाबंदी है तो चौक-चौराहों पर भीड़ इकट्ठा करने की। कहीं भीड़ बढ़ती देखी तो तुरंत सुरक्षाबलों की गाड़ी ने आकर लोगों को लौट जाने को कहा। धारा 144 अब भी लागू जो है। एयरपोर्ट पर बने स्टैंड से गुलाम मोहम्मद पिछले 25 सालों से टैक्सी चला रहे हैं। गुलाम मोहम्मद कहते हैं उन्हें इल्म नहीं कि क्या हुआ है। लोगों ने कहा है कि हम कश्मीरियों के साथ नाइंसाफी हुई है। हमारे ही नेताओं ने नाइंसाफी की है।
आतंकियों की मौत के चलते मनहूस माना जाता है हरि निवास
जिन नेताओं का जिक्र गुलाम मोहम्मद ने किया उनमें से कश्मीर के दो पूर्व सीएम एक हफ्ते से पुलिस कस्टडी में हैं। महबूबा हरि निवास में हैं, जबकि उमर अब्दुल्ला को वहां से अब दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। दोनों पहले उसी हरि निवास में कैद थे, जहां सीएम रहते वह अलगाववादियों को कैद करते थे। वह हरि निवास जिसे आतंकियों की कैदगाह के तौर पर बनवाया गया था। गुलाम नबी आजाद जब सीएम बने तो इस हरि निवास को उन्होंने सीएम हाउस में बदलवा दिया। पर वहां रहने कोई नहीं गया। कहा जाता था कि वहां कई आतंकियों की मौत हुई है, वह जगह मनहूस है।
हालात के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे थे उमर-महबूबा
उमर और महबूबा दोनों को अलग-अलग जगह कैद में रखने के पीछे भी एक अलग कहानी है। वहां मौजूद सुरक्षाबलों की मानें तो हरि निवास में रहते उमर को टहलने की छूट दी गई थी, जबकि महबूबा वहीं ऊपरी मंजिल के कमरे में बंद रहीं। एक दिन उमर नीचे टहल रहे थे तब महबूबा और उमर में झगड़ा हो गयाा। दोनों इन हालातों के लिए एक-दूसरे को दोष देने लगे। लड़ाई इतनी बढ़ गई कि दोनों को अलग करना पड़ा।
भूख हड़ताल पर महबूबा, पर रोज उनके लिए आते हैं सेब-नाशपाती
कैद में होने के बावजूद मेहबूबा के ट्विटर अकाउंट से लगातार भड़काऊ ट्वीट्स जारी थे। प्रशासन ने उन्हें जाकर ऐसा न करने को समझाया तो महबूबा भड़क गईं। उन्हें गिरफ्तारी की धमकी दी गई तब जाकर ट्वीट्स बंद किए गए। पूरे जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद है। चेक किया गया कि फिर मेहबूबा कहां से ट्वीट कर रही हैं? एहतियातन प्रशासन ने वह लीज लाइन इंटरनेट भी बंंद कर दिया, जो उनके अधिकारियों और बड़े नेताओं के घरों से जाती थी। बाद में पता चला कि ये ट्वीट्स महबूबा की बेटी सना कश्मीर से बाहर बैठकर कर रही हैं। महबूबा मुफ्ती कैद में काफी अक्रामक हैं, भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन फल खा रही हैं। उनके लिए रोज ताजे फल सेब और टंग यानी नाशपाती पहुंचाए जाते हैं। जबकि मेहबूबा के करीबी पीडीपी के युवा नेता वाहिद पारा, सज्जाद लोन और बाकी नेता संटूर होटल में लगभग फाइव स्टार सुविधाओं के बीच हैं।

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