आज शिवपुरी शहर के हेप्पीनेस कैफे में रुबरु ओपन माइक कवि सम्मेलन का आयोजन किया, अनेक कवियो ने अपनी प्रस्तुति दी
दिव्या भगवानी ने कहा
कुछ यूं अंधकार मिटाओ,
जलो नहींं फ़कत जगमगाओ।
नामुमकिन है किसी के जैसा बन पाना, हर किसी की किस्मत में नहीं है पावन गंगा और घाट बनारस का कहलाना।
रिया माथुर ने कहा
महफील महफिल हर्फ पढूं मैं
वो उर्दू का अंदाज हुआ
मयंक राठौर ने कहा-अपनों के बीच अपना नाम लिखता हूं दुश्मनों में भी पैगाम लिखता हूं
आशीष शर्मा ने कहॉ-ये दिल अपनी बातों से फिर पलटी खा गया..
अजी ये दिल है जनाब फिर किसी लड़की पर आ गया..
जिसमें युवा कवि मयंक राठौर, आशीष शर्मा, विकास शुक्ल, विवेक वासवानी, यश खरे, शुभम शर्मा और युवा कवित्री अपूर्वा श्रीवास्तव, सिमरन कोटिया शामिल हुए।
