भोपाल। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा की मध्यप्रदेश में कुछ अजीब सी स्थिति हो गई है। ऐसे में जहां उसके पुराने गढ़ ही उससे छूटते हुए दिख रहे हैं। वहीं मध्यप्रदेश में 29 सीटों में से 15 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही पार्टी की स्थिति अब और चिंताजनक होती दिख रही है।
सूत्रों से सामने आ रही जानकारी के अनुसार भाजपा से नाराज कई दिग्गज नेता व उम्मीदवारी की आस लगाए नेता कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं। जिसके चलते भाजपा में हडकंप की स्थिति बनी हुई है। इसके साथ ही भाजपा के कई नेताओं द्वारा चुनाव लड़ने से मना कर दिए जाने के चलते भी भाजपा की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
जानकारों के अनुसार दरअसल एक ओर जहां भाजपा की ओर से जारी सूची में 5 मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं इस बार अपनी उम्मीदवारी का इंतजार कर रहे कई नेताओं को टिकट नहीं मिलने से उनमें नाराजगी है। ऐसे में इनमें कुछ नेता पाला बदल सकते हैं।
जानकारों का मानना है कि ये सच है कि बड़े नेता जो पार्टी से टिकट की आशा लगाए बैठे थे या वे जो सांसद रह चुके हैं, एकाएक पाला न बदलें, लेकिन यदि उन्हें किसी दूसरी मनपसंद जगह से टिकट नहीं मिलता है, तो भितरघात करने की संभावना बढ़ सकती है।
एक ओर जहां भाजपा के कई कद्दावर नेता पार्टी से नाराज व कांग्रेस के संपर्क में बताए जाते हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार कई ओर टिकट की आशा करने वाले नेता भी अब कांग्रेस की ओर रुख करते दिख रहे हैं।
इसके अलावा जो खास खबर सूत्रों से सामने आ रही है उसके अनुसार भाजपा के एक बड़े नेता के पुत्र भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जाते हैं। चर्चा है कि इन्होंने पहले भाजपा से ही टिकट की चाहत का इजहार किया था, लेकिन उपर से आए सख्त इशारों को समझते हुए ये इच्छा दबा ली और अब कांग्रेस के पाले से मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव कांग्रेस के संपर्क में बताए जाते हैं, वे दमोह से टिकट की दावेदारी कर रहे थे।
वहीं इनके अलावा कई ऐसे जमीनी नेता भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जाते हैं, जिन्हें पार्टी ने विधानसभा चुनाव के समय लोकसभा चुनाव के लालच में टिकट नहीं दिया था, वहीं अब लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें टिकट नहीं दिए जाने की बात सामने आ रही है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से नाराज कई नेता भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जाते हैं।
इधर, सीधी से सांसद रीति पाठक को दोबारा टिकट दिए जाने से नाराज सिंगरौली जिला अध्यक्ष कांत देव सिंह ने इस्तीफा दे दिया है।
वहीं टीकमगढ़ में भी सांसद वीरेंद्र कुमार का विरोध हो रहा है। विरोधी नेताओं का एक दल दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के पास भी पहुंचा है।
वहीं टीकमगढ़ में भी सांसद वीरेंद्र कुमार का विरोध हो रहा है। विरोधी नेताओं का एक दल दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के पास भी पहुंचा है।
राजनीति के जानकार डीके शर्मा के अनुसार भाजपा की सख्ती कई नेताओं को नागवार गुजरती दिख रही है। इसी के चलते वे कभी भी चुनाव से ठीक पहले पार्टी में बदलाव कर सकते हैं।
शर्मा के अनुसार नाराज नेताओं के पार्टी में रहने पर उनके भितरघात को भाजपा विधानसभा चुनाव के समय भी काफी हद तक देख चुकी है। लेकिन लोकसभा चुनावों में भी ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।