लोकसभा चुनाव से पहले अपने क्षेत्र के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे कराने CM कमलनाथ से मिले सांसद सिंधिया
भोपाल. कांग्रेस सरकार बनने के बाद सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहली बार मंत्रालय पहुंचे। लोकसभा चुनाव के पहले ग्वालियर-गुना संसदीय क्षेत्र के विकास को लेकर सिंधिया ने मॉडल प्रोजेक्ट कमलनाथ के सामने पेश किया। इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती को बुलाकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के अटके प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करवाने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री रवाना हो गए, लेकिन सिंधिया सीएम चेंबर में ही मुख्य सचिव मोहंती के साथ मंत्रणा करते रहे। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने सिंधिया को आश्वस्त किया कि उनके क्षेत्र के लंबित सभी प्रोजेक्टों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सिंधिया चाहते हैं कि उनके ग्वालियर-गुना-शिवुपरी क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से हो। इसके लिए लंबे समय से अटके प्रोजेक्ट को जल्द पूरा कराने के लिए ग्वालियर-गुना-शिवपुरी के अफसरों के दल को लेकर सिंधिया सीएम से मिलने पहुंचे थे।
इन मुद्दों पर चर्चा
सिंधिया ने चंबल एक्सप्रेस वे, शिवपुरी जलापूर्ति योजना, ग्वालियर जलापूर्ति योजना, चंदेरी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाना, ग्वालियर में डीआरडीओ के लिए जमीन, गुना स्टेडियम के लिए जमीन का उपयोग बदलने और सड़क निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क निधि का उपयोग करने सहित अन्य रूके कामों को लेकर चर्चा की। इसमें जल्द काम कराने के लिए कहा गया है।
भाजपा नेताओं ने की कांग्रेस ज्वाइन
सिंधिया ने अशोकनगर, गुना व शिवपुरी क्षेत्र के भाजपा नेताओं को मंगलवार को कांग्रेस में शामिल कराया। इन नेताओं को लेकर ही सिंधिया सीएम से मिलने पहुंचे थे। इसमें दो पूर्व विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी व राजकुमार यादव शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मलकीत सिंह संधु व पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमरजीत कौर के साथ चार सरपंच व चार पूर्व सरपंच भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। इनमें दोनों पूर्व विधायक व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संधु भाजपा से विधानसभा चुनाव के समय टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट न मिलने से लगातार नाराज थे।
कांग्रेस का मिशन लोकसभा
सिंधिया ने मिशन लोकसभा के तहत अपने क्षेत्र के विकास की मुहिम छेड़ी है। दरअसल, अभी तक गुना व ग्वालियर परिक्षेत्र शिवराज सरकार में उपेक्षा का शिकार रहा है। सिंधिया ने बार-बार शिवराज सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया था। अब कांग्रेस सरकार बनी है, तो यह कोशिश है कि लोकसभा चुनाव के पहले ही आदर्श स्थिति बनाकर मॉडल पेश किया जाए, ताकि लोकसभा में फायदा मिल सके। पिछली बार मोदी लहर में सिंधिया की जीत का अंतर काफी कम हो गया था।