भोपाल. नई सरकार में स्कूल शिक्षा विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर ठोस कार्रवाई करने की योजना बनाना शुरु कर दिया। २०१४ से अब तक अनुकंपा नियुक्तियों से संबंधित जितने भी प्रकरण लंबित पड़े हैं, इनके समाधान के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जनवरी आखिरी तक सभी जिलों से डाटा एकत्र करने के बाद इसे एक अभियान का रुप दिया जाएगा। विभाग में भोपाल सहित प्रदेशभर के शिक्षकों, गैर शिक्षकों के २०१४ से ३१ दिसंबर, २०१८ की स्थिति के हजारों प्रकरणों प्रकरणों का आगामी एक महीने में निराकरण किया जाएगा। सभी पात्र उम्मीदवारों को एक महीने में नियुक्तियां देने का प्रावधान है, लेकिन किन्हीं कारणों से इस पर अब तक विभाग में पालन नहीं हो पा रहा था। अब जैसे ही नई सरकार का गठन हुआ तो इस दिशा में भी अफसरों ने तुरंत निर्णय लेने के आदेश जारी कर दिए। ३१ दिसंबर तक जितने भी प्रकरण लंबित है, सभी को प्राथमिकता और योग्यता के आधार पर एक महीने में हल करने की योजना बनाई जा रही है। विभाग के इस निर्णय से सालों से जिन प्रकरणों की फाइलें अफसरों-बाबूओं की टेबलों पर धूल खा रही थी, उन्हें भी कुछ आस बंधी हैं।
इन्हें मिलेगा फायदा, भरेंगे खाली पद
विभाग के अधीन सभी कार्यालयों में खाली पड़े पदों के लिए योग्यता रखने वाले अनुकंपा नियुक्ति के उम्मीदवारों को मौका मिलेगा। जिला स्तर के कार्यालयों में भी खाली पदों पर नियुक्तियां की जाएगी। इससे कई स्कूलों में शिक्षकों के पद भी भरे जाएंगे। जो शिक्षक पद की योग्यता रखने वाले हैं, उन्हें इस पद पर नियुक्तियां दी जाएगी। हालांकि इस अभियान में भी प्राथमिकताएं तय की गई है, लेकिन योग्य और पूराने प्रकरणों को पहले हल किया जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालाक धीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि अभियान में अपात्रों की भी सूची तैयार की जाएगी, ताकि उन्हें भी संतोषजनक जवाब दिया जा सके। एेसे कई प्रकरण हैं जो अयोग्य है, लेकिन अनुकंपा के लिए कतार में लगे हुए हैं। एेसे प्रकरणों को भी इस अभियान में सुलझाया जाएगा।
विभाग के अधीन सभी कार्यालयों में खाली पड़े पदों के लिए योग्यता रखने वाले अनुकंपा नियुक्ति के उम्मीदवारों को मौका मिलेगा। जिला स्तर के कार्यालयों में भी खाली पदों पर नियुक्तियां की जाएगी। इससे कई स्कूलों में शिक्षकों के पद भी भरे जाएंगे। जो शिक्षक पद की योग्यता रखने वाले हैं, उन्हें इस पद पर नियुक्तियां दी जाएगी। हालांकि इस अभियान में भी प्राथमिकताएं तय की गई है, लेकिन योग्य और पूराने प्रकरणों को पहले हल किया जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालाक धीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि अभियान में अपात्रों की भी सूची तैयार की जाएगी, ताकि उन्हें भी संतोषजनक जवाब दिया जा सके। एेसे कई प्रकरण हैं जो अयोग्य है, लेकिन अनुकंपा के लिए कतार में लगे हुए हैं। एेसे प्रकरणों को भी इस अभियान में सुलझाया जाएगा।