Breaking News

सवर्ण आरक्षण पर बोले पासवान, 'जब धारा तेज होती है तो बड़ा पेड़ भी बह जाता है

भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण  देने का प्रावधान उत्तर प्रदेश और बिहार में एनडीए गठबंधन को जीत दिलाने में मदद करेगा. खास बातचीत में पासवान ने कहा, ‘आरजेडी में विद्रोह हो जाएगा जब नेता जनता से वोट मांगने जाएंगे. जब धारा तेज होती है तो बड़ा पेड़ भी बह जाता है.’केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरजेडी गठबंधन का सहारा लेकर आरोप लगा रही है लेकिन ये सारे आरोप निराधार साबित होंगे और आरजेडी को शून्य पर आउट होना पड़ेगा. पासवान ने कहा, ‘रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह दोनों उच्च जातियों से आते हैं लेकिन उन्हें अपने समुदाय के लोगों का वोट खींचने में मुश्किलें आएंगी
आरजेडी बिहार में अपना खाता भी खोलने में कामयाब नहीं होगी. समाज के हर वर्ग में उत्सव जैसा माहौल है. अगल लोग खुश हैं तो यह निसंदेह एनडीए के लिए फायदेमंद है.’ सवर्ण आरक्षण बिल को ऐतिहासिक बताते हुए पासवान ने यह बात कही.जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि पिछड़ी जातियों के सर्वाधिक जनाधार वाली पार्टियां जब अपने जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग करती हैं तब केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया, ‘ऐसी पार्टियां तब क्यों नहीं आरक्षण के प्रावधानों को बदलतीं जब वे सत्ता में होती हैं. उन्होंने बिल के विरोध में वोटिंग क्यों नहीं की?
जब पूछा कि क्या आपको संविधान संशोधन से पहले सवर्ण आरक्षण मुद्दे मामले की सूचना दी गई थी तो उन्होंने कहा, ‘जब उन्हें पताहै कि मैं इस पहल का समर्थक रहा हूं, जब उन्हें पता था कि सवर्ण जातियों के लिए 15 फीसदी आरक्षण की मांग करने वाला मैं पहला नेता हूं तो उन्हें मुझसे इस संबंध में पूछने की क्या जरूरत क्यों पड़ती.’बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा के पार्टी पर राज्यसभा में लगाए गए आरोपों पर पासवान ने कहा, ‘बसपा और सपा के अवसरवादी गठबंधन से मैं पूछना चाहता हूं कि प्रमोशन में रिजर्वेशन वाले बिल को जब पेश किया गया था तब दोनों ने इसे क्यों फाड़ दिया था.’
सतीश पासवान ने बुधवार को राज्यसभा में बोलते हुए कहा था कि लोक जनशक्ति पार्टी गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के समर्थन में है लेकिन प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर संविधान संशोधन पर चुप है.पासवान उस घटना का जिक्र कर रहे थे जब दिसंबर 2012 में एक समाजवादी पार्टी के नेता ने कांग्रेस के एक मंत्री से प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल के एक पन्ने को फाड़कर फेंक दिया था. इस घटना के बाद सदन में अव्यवस्था फैल गई थी.राम विलास पासवान ने गरीब सवर्णों को दिए जाने वाले आरक्षण बिल का बचाव करते हुए उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट ने 1990 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार की पहल को खारिज कर दिया था और कहा था कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसे आर्थिक आधार पर दिया जाए, इसे लागू केवल संविधान संशोधन के जरिए किया जा सकता है.बता दें यह बिल भले ही राज्यसभा और लोकसभा में पास हो गया है लेकिन बिना राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के यह कानून नहीं बन सकता. इस बिल पर प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर होने बाकी हैं.पासवान ने कहा कि इस बिल को संविधान संशोधन के जरिए लाया गया है. मुझे नहीं लग रहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसमें आपत्ति होगी. जैसा भी हो जब हम दोबारा सरकार बनाएंगे तब हम नौंवे अनुसूची में इस कानून को रखेंगे जिसके बाद इसे कानूनी तौर चुनौती नहीं दी जा सकेगी.

Check Also

लाडली बहना योजना: सरकार ने दी स्पष्टता, नहीं बढ़ेगी राशि ₹3000

🔊 Listen to this Jan 8, 2025 at 08:29 लाडली बहना योजना: सरकार ने दी …