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पार्टी के प्रति मर्यादा में रहना होगा बाबूलाल गौर को!

भोपाल –
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के द्वारा दिए गए बयान को लेकर मप्र भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को पार्टी के प्रति मर्यादा में रहना होगा। अनुशासनहीनता पर राकेश सिंह ने कहा चाहे बाबूलाल गौर हो या कोई और पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी गौर भी इसी दायरे में आते हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को एग्जिट पोल आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा था भाजपा अगर सरताज सिंह, रामकृष्ण कुसमरिया और राघवजी जैसे वरिष्ठों को नाराज नहीं करती तो परिणाम कुछ और ही आते। अभी तो 120 सीटों तक पहुंचकर हम सरकार बनाएंगे।

कई सीटों पर पड़ेगा असर…. 
गौर ने कहा कि भाजपा ने सरताज जैसे नेता को अपमानित किया है। यह ठीक नहीं था। इसके लिए संगठन जिम्मेदार है। गौर ने कहा, इनके बागी होने से कई सीटों पर असर पड़ेगा। इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसपर चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा, कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। उधर, गौर के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है।

कांग्रेस के योगदान का किया था जिक्र…

इसके पहले एक सप्ताह पहले पांच बार के कांग्रेस विधायक आरिफ अकील भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे थे तो गौर ने उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि आपकी सरकार आ रही है और आप मंत्री बन रहे हो।

यह बातचीत मीडिया की उपस्थिति में हुई थी। बाद में इस मुलाकात का वीडियो वायरल हो गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में टिकट कटने की आशंका पर गौर ने नाराजगी जाहिर की थी और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे तक की धमकी दे दी थी।

 

कांग्रेस का बड़ा योगदान…
बाद में भाजपा ने उनकी बहू कृष्णा गौर को टिकट दिया था। इस मुलाकात में अकील से गौर यह भी कह रहे हैं कि बहू कूष्णा गौर को टिकट दिलाने में कांग्रेस का बड़ा योगदान रहा। नहीं तो उन्हें टिकट नहीं मिल पाता और स्थितियां अलग होती।

ये थे बातचीत के प्रमुख अंश…

गौर: भले ही आप मुस्लिम उम्मीदवार हो, लेकिन आपके व्यवहार में कभी फर्क नहीं हुआ।
अकील: (महापौर आलोक शर्मा का नाम लिए बिना) मैंने तो चैलेंज दिया है, तुम जीत कर दिखा दो। 
गौर: सब को बराबर देखते हैं आप।
अकील: अगर मैं कोई महापौर-मंत्री बन गया तो क्या होगा। औकात तो वही रहेगी। 
गौर: आपकी पार्टी ने बहुत मदद की, वरना बहू को टिकट नहीं मिलता।

 

अकील: (हंसते हुए) हां सही है, और आप आ जाते हमारे साथ तो आपको टिकट मिल जाता। 
गौर: बहू को तो मिल गया। 
अकील: (वहां खड़े पत्रकारों को देखकर) खूब छापो तुम लोग, हम डरते नहीं हैं। 
गौर: बहू को टिकट मिल गया, नहीं तो हालात दूसरे हो जाते।
अकील: हां

गौर: सरताज और कुसमरिया को जो टिकट नहीं दिया है पार्टी ने। बहुत नुकसान किया है अपना। हमदर्दी का वोट अलग ही होता है।
अकील: और क्या, अगर बाप बुजुर्ग हो जाए तो क्या बाप नहीं रहता।
गौर: (अकील के करीब जाकर) सरकार बन रही है, आप मंत्री बन रहे हो… बधाई।

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