नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर मचे बवाल के बीच एक और बड़े कदम की तैयारी कर रही है. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) की मंगलवार सुबह 10.30 बजे एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में (National Population Register) यानी NPR को मंजूरी मिल सकती है. NPR अपडेट करने की प्रक्रिया अगले साल पहली अप्रैल से शुरू होगी.
क्या है NPR?
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है. देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का मुख्य लक्ष्य है. इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी.
1 अप्रैल 2020 से होगी गणना
NPR को तैयार करने में करीब तीन साल का समय लग सकता है. इसकी प्रक्रिया तीन चरणों में होगी. पहले चरण की शुरुआत एक अप्रैल 2020 से होगी. 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर जनसंख्या के आंकड़े जुटाएंगे. NPR का दूसरा चरण 2021 में 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा. तीसरे चरण के तहत 1 मार्च से 5 मार्च के बीच संशोधन की प्रक्रिया होगी.NRC से कितना अलग है
NPR?
NPR और NRC में अंतर है. NRC के पीछे जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान का उद्देश्य है, वहीं 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को NRP में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. कोई विदेशी भी अगर देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है, तो उसे भी NPR में अपनी डिटेल दर्ज करानी होगी.
किसने शुरू की थी योजना?
NPR की पहल सबसे पहले 2010 में यूपीए सरकार ने की थी. तब 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था. अब फिर 2021 में जनगणना होनी है. ऐसे में NPR पर भी काम शुरू हो रहा है