जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में व्यवस्था दी है कि जब तक नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं हो जाती, तब तक 2016-17 से कार्यरत पुराने अतिथि शिक्षकों को काम करने दिया जाए।
मंगलवार को न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता कटनी निवासी रंजीता त्रिपाठी सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता रंजीता त्रिपाठी शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक शाला, कटनी में 2016-17 से अध्यापन कार्य करती चली आ रही हैं। लिहाजा, अतिथि शिक्षक बतौर उनकी सेवाएं 2018-19 में भी जारी रखे जाने योग्य हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि नियमित शिक्षकों के पद रिक्त हैं। याचिकाकर्ता बीएड डिग्री के अलावा टीचर्स ट्रेनिंग की योग्यता रखती है। उसके पास विशद अनुभव है जिसकी उपेक्षा अनुचित होगी। राज्य शासन ने ऑनलाइन के जरिए जो नियुक्तियां की हैं, वे हजारों अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार कर देंगी, अत: कार्रवाई अपेक्षित है।
