चाइल्ड ट्रैफिकिंग: कैसे करे कार्यशाला
डीजीपी, एडी ने दी जानकारी, वेबीनार के माध्यम से हुई कार्यशाला
सागर। चाइल्ड ट्रैफिकिंग कैसे होती है? क्या होती है? विश्व में इन अपराधों को किस प्रकार संगठित रूप से संचालित किया जा रहा है, ऐसे अपराधियों को रोकने और उन पर कार्यवाही किस तरह से की जानी चाहिए ? इसकी जानकारी ऑनलाइन प्रदेश के कई बड़े अफसरों ने दी। वेबीनार के माध्यम से फॉर्मर डीजीपी, डीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडी जैसे अफसरों ने अपने विचार रखे।
मध्यप्रदेश लोक अभियोजन संचालक पुरुषोत्तम शर्मा के निर्देशन पर विश्व स्तर पर हो रहे चाइल्ड ट्रैफिकिंग के अपराध के संबंध में केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण, अकादमी भोपाल के संचालक पवन श्रीवास्तव के द्वारा इस विषय पर वेबीनार के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में फॉर्मर डीजीपी आईपीएस सुश्री सुतापा शान्याल, जेजीएलएस सोनीपत की सहायक प्राध्यापक सुश्री नेहा मिश्रा, उत्तराखंड लॉ एंड ऑर्डर के डीजी अशोक कुमार, एडी सुश्री मनप्रीत कौर शामिल हुई। कार्यशाला में सभी वक्ताओं के द्वारा बारीकी से इस विषय पर विचार प्रकट किए गए। सभी ने ज्यूडिशरी, अभियोजन पुलिस और एनजीओ को एक साथ मिलाकर कार्य करने पर जोर दिया साथ ही किस तरह इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सकता है, की जानकारी दी। कार्यशाला में सागर अभियोजन के उपसंचालक श्री अनिल कटारे, जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजीव रूसिया एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी उक्त कार्याशाला में उपस्थिति होकर अपने-अपने विचार रखें