जबलपुर। प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने को दो जनहित याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई है। शुक्रवार को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की जनहित याचिका सुनवाई के लिए लगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ ने दोनों जनहित याचिकाओं की संयुक्त रूप से सोमवार 24 जून को सुनवाई करने की व्यवस्था दे दी।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व डॉ. एमए खान और यूथ फॉर इक्वालिटी की ओर से दायर जनहित याचिकाओं में कहा गया कि मध्यप्रदेश में पहले 20 प्रतिशत एसटी, 16 प्रतिशत एससी और 14 प्रतिशत ओबीसी यानी 50 प्रतिशत आरक्षण लागू था। मध्यप्रदेश सरकार ने 8 मार्च 2019 को ओबीसी के लिए लागू 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। इससे मध्यप्रदेश में आरक्षण की सीमा बढ़कर 63 प्रतिशत हो गई है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में स्पष्ट कहा है कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लघंन करते हुए ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है।
शुक्रवार को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की याचिका सुनवाई के लिए लगी। युगलपीठ ने ओबीसी आरक्षण से संबंधित दोनों याचिकाओं की सुनवाई 24 जून को करने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता मंच की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय और यूथ फॉर इक्वालिटी की ओर से अधिवक्ता सुशय ठाकुर पैरवी कर रहे हैं।