भोपाल -गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को अस्पताल लाने व घर छोड़ने के लिए चल रही जननी एक्सप्रेस बुधवार शाम 5 बजे से बंद हो जाएंगी। ऐसे में महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत होगी। दरअसल, प्रदेश भर में जननी एक्सप्रेस का संचालन जिकित्जा हेल्थ केयर को 1 नवंबर से देने की तैयारी है। इसके विरोध में जननी एंबुलेंस संचालक संघ ने हड़ताल की घोषणा की है।
संघ के अध्यक्ष दीपक डालमिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार जिकित्जा हेल्थ केयर को 17 रुपए प्रति किमी जननी एक्सप्रेस सेवा के लिए दे रही है, लेकिन जिकित्जा उन्हें 8-9 रुपए प्रति किमी ही देने को तैयार है। इस दर पर एंबुलेंस चलाने का खर्च भी नहीं निकलता। लिहाजा उनके पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अभी अलग-अलग जिलों में यह दर 8 से 14 रुपए प्रति किमी तक है। प्रदेश भर में 980 जननी एक्सप्रेस चल रही हैं। इनकी हड़ताल से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने में दिक्कत हो सकती है। ग्रामीण इलाकों से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए जननी एक्सप्रेस सबसे बड़ी सुविधा है। इसकी वजह यह कि वहां पर ऑटो भी नहीं पहुंच पाते। एंबुलेंस संचालक संघ ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
108 को करें कॉल
जिकित्जा हेल्थ केयर के डायरेक्टर मनीष सचेती ने कहा कि जननी एक्सप्रेस की जगह 108 का उपयोग गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को अस्पताल लाने व घर छोड़ने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा दो साल तक चले वाहनों को ही जननी एक्सप्रेस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा किसी भी जिले में एक ही वेंडर से अनुबंध नहीं किया जाएगा। ऐसे में कोई एक वेंडर हड़ताल भी कर दे तो सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
कम हो जाएंगी 245 एंबुलेंस
प्रदेश के सभी जिलों में मिलाकर अभी 980 जननी एंबुलेंस चल रही हैं। इसका संचालन जिकित्जा के हाथों में जाने के बाद सिर्फ 735 वाहन रह जाएंगे। ऐसे में मरीजों को अस्पताल लाने और घर छोड़ने में देरी होगी।
पूनम पुरोहित