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12 सीटों पर कांग्रेस की राह मुश्किल, भाजपा को भी 9 में हार की आशंका

भोपाल . लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा अपना आधार मजबूत करने में लगी हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे और जमीनी फीडबैक के आधार पर दोनों दलों ने अपनी रणनीति तैयार की है। कांग्रेस को जो रिपोर्ट मिली है, उसमें 12 सीटों में जीतने की स्थिति, पांच सीटों पर मेहनत की गुंजाइश और 12 सीटें डेंजर जोन में मानी हैं। कांग्रेस कठिन सीटों पर जल्द उम्मीदवार तय करने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा का मानना है कि 20 सीटें जीतने की स्थिति में है, जबकि 9 सीटें डेंजर जोन में हैं, इनमें से तीन कांग्रेस की परंपरागत सीट हैं।
12 सीटों पर कांग्रेस जीतने की स्थिति
1. ग्वालियर 2. भिंड 3. मुरैना 4. बैतूल 5. राजगढ़ 6. धार 7. मंडला 8.शहडोल 9. छिंदवाड़ा 10. गुना 11. रतलाम 12 देवास
और ये 12 सीटें हैं डेंजर जोन में
1. भोपाल 2. इंदौर 3. जबलपुर 4. विदिशा 5. बालाघाट 6. खरगौन 7. रीवा 8.सीधी 9 दमोह 10. सागर 11. टीकमगढ़ 13 उज्जैन
इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बीस से ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है। लोगों में भाजपा के खिलाफ नाराजगी है और राहुल गांधी के रुप उनको विकास की नई उम्मीद नजर आ रही है।
जीतू पटवारी, उच्च शिक्षा मंत्री, मप्र
भाजपा को भी डर
पिछले लोकसभा चुनाव मेंं 29 में से 27 सीटें जीतने वाली भाजपा खुद यह मानकर चल रही है कि 9 सीटों पर इस बार उसे हार का मुंह देखना पड़ सकता है। इसमें आदिवासी सीटों पर पार्टी खुद को ज्यादा कमजोर मान रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक में बताया था कि पार्टी 20 सीटों पर मजबूत है, लेकिन 9 पर हालत खराब है।
ये सीटे खतरे में
छिंदवाड़ा, गुना-शिवपुरी, झाबुआ-रतलाम, धार, खरगौन, मंडला, देवास, बैतूल और राजगढ़।
इस बार सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम प्रदेश में लोकसभा चुनाव में पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करेंगे। दौरे-बैठकों को दौर शुरू हो चुका है।
स्वतंत्र देव सिंह, लोकसभा चुनाव प्रभारी

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