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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयुक्त ओपी रावत राजधानी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल वोटर्स को रिझाने में जुटे हुए हैं. पीएम मोदी ने शनिवार को अजमेर से चुनावी शंखनाद किया तो राहुल गांधी मध्य प्रदेश दौरे पर हैं.इस बीच कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि पीएम मोदी की रैली को देखते हुए तारीखों की घोषणा का वक्त बदला गया है. इस पर चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पत्रकारों ने शिकायत की थी कि वे इतने कम वक्त में प्रेस वार्ता में शामिल नहीं हो पाएंगे, इस वजह से समय आगे बढ़ाया गया है.मध्य प्रदेश का समीकरणमध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें है. हालांकि इनमें से 230 सीटों पर ही चुनाव होते हैं और बाकी सदस्य को नामित किया जाता है. 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 166, कांग्रेस को 57, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थी.MP में ये पार्टियां मैदान मेंमध्य प्रदेश में की सियासी लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्यरूप से है. इसके अलावा बसपा राज्य में एक बड़ी ताकत है. हालांकि इस बार इन तीनों पार्टियों के अलावा भी कई पार्टियां मैदान में उतरने की तैयारी में है. इनमें समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जयस जैसे संगठन शामिल हैं. एससीएसटी एक्ट और प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सपाक्स की ‘अनारक्षित समाज पार्टी’ ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.राजस्थान में कुल सीटेंराजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 163 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई. बसपा को 3, NPP को 4, NUZP को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.राजस्थान के रण में सियासी दलराजस्थान में मुख्यरूप में कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबाल है. इन दोनों दलों के अलावा भी कई क्षेत्रीय पार्टियां भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. बसपा और नेशनल पीपल्स पार्टी के अलावा घनश्याम तिवाड़ी ने बीजेपी से बगावत कर अलग भारत वाहिनी पार्टी बनाई है. इसके अलावा निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी अपने समर्थकों को चुनाव में उतारने का मन बनाया है.छत्तीसगढ़ का सियासी समीकरणछत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. 2013 में विधानसभा चुनाव बीजेपी को 49, कांग्रेस को 39, बसपा को 1 और अन्य को एक सीट मिली थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी ने पिछले चुनाव में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.ये पार्टियां मैदान मेंछत्तीसगढ़ के सियासी रणभूमि में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. हालांकि इस बार इन दोनों दलों के अलावा कांग्रेस के बगावत कर अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस-जोगी नाम से पार्टी बनाई है और उन्होंने बसपा से गठबंधन किया है. इसके अलाव गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी मैदान में है.मिजोरम में कुल सीटेंपूर्वोत्तर के मिजोरम में कुल 40 विधानसभा सीटे हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इन 40 सीटों में से कांग्रेस को 34, एमएनएफ को 5 और और एमपीसी को 1 सीट मिली थी. हालांकि इस बार इन तीनों दल के अलावा बीजेपी भी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएगी.तेलंगाना की सियासी समीकरणतेलंगाना में कुल 119 विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार राज्य के विधानसभा चुनाव 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ हुए थे. लेकिन मुख्यमंत्री केसीआर ने समय से पहले विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी थी, जिसके विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.2014 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 119 सीटों में से केसीआर की पार्टी टीआरएस को 90 सीटें मिली थी. जबकि कांग्रेस को 13, ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7, बीजेपी को 5, टीडीपी को 3 और सीपीआईएम को 1 सीट मिली थी. इन बार भी इन्हीं पार्टियों के बीच मुकाबला है.