कांग्रेस ने बदली रणनीति, भाजपा से पहले प्रत्याशी घोषित करेगी कांग्रेस, 15 को सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में आएगा विशेष दल…
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लोकसभा 2019: जानिये कांंग्रेस में कौन कहां से उतरेगा मैदान में…
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लोकसभा 2019: जानिये कांंग्रेस में कौन कहां से उतरेगा मैदान में…
भोपाल। विधानसभा चुनाव में आए परिणामों से उत्साहित कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत पार्टी ने रणनीति में बदलाव किया है और अब पार्टी अपने प्रत्याशियों की सूची भाजपा से पहले घोषित करने की तैयारी में है।
बताया जाता है कि जिस प्रकार विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को उतारा गया था, उसी तरह लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस किसी भी सीट पर भाजपा को वॉकओवर नहीं देगी। अब तक इंदौर, भोपाल, विदिशा जैसी सीटों पर अभी तक भाजपा को वॉकओवर मिलता आया है। लोकसभा चुनाव मई में होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के फॉर्मूले के आधार पर चयन करके पार्टी फरवरी अंत तक प्रत्याशी घोषित कर सकती है। वह भाजपा से मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया के मुताबिक पार्टी इसकी तैयारी कर रही है।
वहीं 15 फरवरी को कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का एक दल प्रदेश में आएगा। यह प्रदेश से जुड़े मुद्दों को पार्टी के राष्ट्रीय घोषणा-पत्र में शामिल करने पर प्रदेश के नेताओं से विमर्श करेगा।
वहीं 15 फरवरी को कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का एक दल प्रदेश में आएगा। यह प्रदेश से जुड़े मुद्दों को पार्टी के राष्ट्रीय घोषणा-पत्र में शामिल करने पर प्रदेश के नेताओं से विमर्श करेगा।
ये भी है प्लानिंग का हिस्सा
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सामने आ रही सूचना के अनुसार कांग्रेस को इस लोकसभा 2019 चुनावों में मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव की अपेक्षा अच्छी खासी बढ़त की आशा है। इसी सब को देखते हुए कांग्रेस इस बार ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश में है।
सूत्रों के अनुसार इस चुनाव 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे के अलावा कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ को भी पार्टी चुनावों में उतारने के मुड़ में दिख रही है। इसके तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया व प्रियदर्शिनी सिंधिया में से एक गुना से व दूसरा ग्वालियर से चुनाव में उतर सकता है।
वहीं नकुल नाथ को पार्टी छिंदवाड़ा से मैदान में लाती दिख रही है। इसके अलावा कांतिलाल भूरिया झाबुआ,रतलाम से कांग्रेस के प्रत्याशी रह सकते हैं।
इन सब के अलावा भोपाल,इंदौर, जबलपुर, विदिशा,सागर,दमोह, खजुराहो, टीकमगढ़, बालाघाट व मंडला में पार्टी नए चेहरों को उतार कर भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
सभी 29 सीटों पर फोकस…
राहुल ने भोपाल में आभार सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ नेताओं को साफ कर दिया है कि प्रदेश की सभी 29 सीटों को फोकस करें। किसी भी सीट पर वॉकओवर नहीं दिया जाएगा। इसके चलते कांग्रेस बरसों से कमजोर सीटों पर नए सिरे से चेहरे तय करने पर मंथन कर रही है। पार्टी विदिशा, भोपाल और इंदौर में बड़े चेहरे या सरप्राइज फेस को लाने पर भी विचार करेगी।
राहुल ने भोपाल में आभार सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ नेताओं को साफ कर दिया है कि प्रदेश की सभी 29 सीटों को फोकस करें। किसी भी सीट पर वॉकओवर नहीं दिया जाएगा। इसके चलते कांग्रेस बरसों से कमजोर सीटों पर नए सिरे से चेहरे तय करने पर मंथन कर रही है। पार्टी विदिशा, भोपाल और इंदौर में बड़े चेहरे या सरप्राइज फेस को लाने पर भी विचार करेगी।
ये है पूरा गणित…
29 लोकसभा सीट प्रदेश में।
03 सीट अभी कांग्रेस के पास।
26 सीट पर भाजपा काबिज।
54.8 फीसदी वोट मिले थे भाजपा को।
19 फीसदी वोट शेयर से कांग्रेस पिछड़ी थी।
01 सीट उपचुनाव में कांग्रेस ने जीती थी।
29 लोकसभा सीट प्रदेश में।
03 सीट अभी कांग्रेस के पास।
26 सीट पर भाजपा काबिज।
54.8 फीसदी वोट मिले थे भाजपा को।
19 फीसदी वोट शेयर से कांग्रेस पिछड़ी थी।
01 सीट उपचुनाव में कांग्रेस ने जीती थी।
इस तरह बदल गए समीकरण…
2014 में मोदी लहर के कारण कांग्रेस और दूसरे दलों का वोट बैंक बिखरा था, लेकिन इस बार कांग्रेस मानती है कि मोदी का जादू उतर गया है, इसलिए उसका बिखरा वोट बैंक तो उसके पास आएगा ही, मोदी-भाजपा से नाराज धड़ा भी साथ दे सकता है।
2014 में मोदी लहर के कारण कांग्रेस और दूसरे दलों का वोट बैंक बिखरा था, लेकिन इस बार कांग्रेस मानती है कि मोदी का जादू उतर गया है, इसलिए उसका बिखरा वोट बैंक तो उसके पास आएगा ही, मोदी-भाजपा से नाराज धड़ा भी साथ दे सकता है।
इसके अलावा 15 साल बाद प्रदेश में सत्ता का मनौवैज्ञानिक और मैदानी फायदा भी पार्टी को मिलेगा। 2014 में 54.8 फीसदी वोट के साथ भाजपा ने 27 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को महज दो सीट मिली थी। बाद में रतलाम-झाबुआ सीट पर दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद उपचुनाव में कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया जीते थे इसके तहत अभी कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं।
पिछले चुनाव में कांग्रेस 19 फीसदी ज्यादा वोट शेयर से भाजपा से पिछड़ी थी, लेकिन इस बार उसे इससे दोगुना वोट शेयर मिलने की उम्मीद है।
ये लगाया जा रहा है कयास…
राजनीति के जानकारों का भी मानना है कि यदि सिंधिया परिवार के दो सदस्य क्रमश: ग्वालियर व गुना से चुनाव मैदान में आते हैं। तो भाजपा के लिए इन दोनों ही सीटों में से एक को भी जीतना काफी मुश्किल हो जाएगा।
वहीं छिंदवाड़ा में नकुल नाथ के आने से इस सीट के भी कांग्रेस के ही कब्जे में रहने के आसार हैं। इसके अलावा कांतिलाल भूरिया की उपस्थिति में झाबुआ रतलाम भी सुरक्षित रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।