सोसायटी से लिया 40 हजार का कर्जा तीन साल पहले चुकाया, अब कर्जमाफी की लिस्ट में 2.14 लाख का कर्जदार
सोंईकलां। कर्ज माफी की घोषणा के बाद सोसायटी व बैंकों के घोटाले बाहर आने लगे हैं। ब्याज सहित राशि चुकाने के बाद भी बैंक किसानों को कर्जदार बता रहे है। ज्वालापुर ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच व किसान सादिक मोहम्मद पुत्र हुसैन खान ने करीब चार साल पहले एसबीआई बैंक से 30 हजार रुपए का केसीसी लोन लिया था।
ब्याज सहित यह राशि 40 हजार रुपए से ज्यादा हो गई। दो साल पहले बैंक ने समझौता स्कीम के तहत किसान से 24 हजार 500 रुपए वसूल किए। इसके बाद बैंक ने कर्ज का हिसाब चुकता कर दिया और किसान का खाता भी बंद कर दिया। अब कर्ज माफी की लिस्ट में पूर्व सरपंच को 23 हजार 800 हजार रुपए का कर्जदार बताया जा रहा है।
खाद की उधारी चुकाई फिर भी बकाया बताया
बगदरी के ही एक किसान सुरेन्द्र पुत्र करम सिंह ने साल 2017 में सोसायटी से 12 हजार रुपए का खाद उधार लिया था। किसान ने एक साल बाद सोसायटी का 12 हजार रुपए ब्याज सहित जमा करा दिया। इसके बाद 2018 में सोसायटी से 07 हजार रुपए का खाद फिर उधार लिया।
एक महीने पहले तक किसान सुरेन्द्र सिंह पर सोसायटी 07 हजार रुपए का कर्ज बता रही थी, लेकिन कर्जमाफी की लिस्ट में इस किसान को 12 हजार रुपए का कर्जदार बताया जा रहा है। मजे की बात यह है कि, यह 12 हजार रुपए 2017 में उस खाद के हैं जिसे जमा कर दिए। 2018 में लिए 05 हजार के कर्ज का जिक्र कर्जमाफी की सूची में है ही नहीं।
इनका कहना है
मैंने स्टेट बैंक से केसीसी पर 40 हजार का कर्ज लिया। समझौता के तहत 24 हजार 500 रुपए जमा कराकर खाता भी बंद करा दिया। बैंक ने मुझे उसके बाद कभी कर्जदार नहीं बताया लेकिन, कर्जमाफी की सूची में मुझ पर 23800 रुपए का कर्जा बताया जा रहा है।
मो. सादिक, पूर्व सरपंच, ज्वालापुर
मैंने जो कर्जा सोसायटी से लिया उसको चुका दिया है। उसकी रसीद भी मेरे पास हैं। सोसायटी ने उसके बाद मुझ पर कोई बकाया नहीं निकाला लेकिन, कर्जमाफी की सूची मंे 2.14 लाख का कर्जा है। सरकार 02 लाख माफ कर देगी उसके बाद भी मैं अकारण ही 14 हजार का कर्जदार रह जाऊंगा। इसकी जांच होनी चाहिए, ऐसा कहां से हो रहा है।
करम सिंह, किसान, बगदरी
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