भोपाल। मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर जो भी घटनाक्रम हुआ उसे लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने जहां पूरी स्थिति के लिए भाजपा को दोषी ठहराया वहीं भाजपा ने राजभवन तक विरोध मार्च करने के अलावा सदन की दिनभर की कार्यवाही और राज्यपाल के अभिभाषण का भी बहिष्कार करने का फैसला किया।
मप्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा में ठन गई है। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने जैसे भाजपा प्रत्याशी विजय शाह का प्रस्ताव स्वीकार किए बिना ही एनपी प्रजापति को स्पीकर घोषित किया, सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई।
विधायकों को दिया 100 करोड़ का लालच- दिग्विजय सिंह
पूर्व दिग्विजय सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नियमानुसार हुआ है। कांग्रेस स्पीकर के लिए चुनाव नहीं चाहती थी लेकिन भाजपा ने परंपरा तोड़ी। शिवराज सिंह चौहान को राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा स्पीकर के चुनाव को लेकर अनर्गल प्रलाप कर रही है। दरअसल शिवराज सिंह हार को पचा नहीं पा रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग पर विधायकों के किडनेपिंग की कोशिश करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया। उन्होंंने कहा कि भाजपा के इन नेताओं ने बैजनाथ कुशवाह का अपहरण किया और फिर उन्हें 100 करोड़ रूपए का लालच भी दिया गया।
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