अहमदाबाद, -लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात सरकार ने आरक्षण से वंचित जातियों को खुश करने के लिए उनकी एक सूची जारी की है, ताकि शैक्षणिक संस्थाओं, आर्थिक सहयोग सहित आठ विविध योजनाओं का लाभ देने के लिए उन्हें चिन्हित किया जा सके। आरक्षण से वंचित हिंदू समाज की 42 जातियां हैं, मुस्लिमों के सभी 24 जातियों सहित ईसाई, यहूदी व पारसियों को इस श्रेणी में रखा गया है।
गुजरात में पिछले तीन साल से पाटीदार समाज आरक्षण की मांग कर रहा है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल सहित सैकड़ों युवकों के खिलाफ आंदोलन के दौरान राजद्रोह, बलवा, दंगा व शांति भंग जैसे मुकदमे भी दर्ज हुए। हार्दिक व उसके चार साथियों पर राजद्रोह का मुकदमा अभी भी चल रहा है। जबकि मेहसाणा के विसनगर में भाजपा विधायक के कार्यालय में आगजनी की मामले में उन्हें व साथियों को तीन-तीन साल की सजा भी सुनाई जा चुकी है।
महाराष्ट्र में मराठा समाज को आरक्षण देने की घोषणा के साथ ही पाटीदार समाज एक बार फिर लामबंद हो रहा है। हार्दिक भाजपा सरकार के साथ कांग्रेस पर भी विधानसभा में आरक्षण के लिए निजी विधेयक लाने का दबाव डाल रहे हैं। इसी बीच सरकार ने आरक्षण से वंचित जातियों की सूची तैयार कर जिला कलेक्टरों को सौंप दी है, ताकि शैक्षणिक व आर्थिक सहायता के अलावा उनके लिए विशेष रूप से बनी योजनाओं का लाभ दिया जा सके। इसका लाभ लेने के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े होने का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
गुजरात राज्य गैर आरक्षित वगरें के आयोग के अध्यक्ष हंसराज गजेरा ने बताया कि सरकार ने 69 जातियों को गैरआरक्षित वर्ग में माना है। हिंदुओं की 42 जातियों को इसका लाभ मिल सकेगा। इनमें पाटीदार, राजपूत, वैश्य, ब्राह्मण सहित 42 जातियों को शामिल किया गया है। मुस्लिम समाज की सैयद, बलोच, पठान,शेख, मुगल, वोरा सहित 24 जातियों सहित पारसी, यहूदी व ईसाई समाज को भी गैरआरक्षित वर्ग की सूची में रखा गया है। आयोग के सदस्य दिनेश केवडिया बताते हैं कि अनुसूचित जाति वर्ग में राज्य की 36 जातियां शामिल हैं जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 32, अन्य पिछड़ा वर्ग में 147 तथा विशेष रूप से पिछड़ा वर्ग में 104 जातियों को शामिल किया गया है।