जातिगत आरक्षण को लेकर कितनी भी राजनीति कर ली जाए लेकिन जिन्हें इसका फायदा मिलना चाहिए वह उनतक नहीं पहुंच पा रहा है। एक आयोग की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि ओबीसी आरक्षण व्यवस्था में कुछ जातियां ही आरक्षण का पूरा लाभ लेने में सफल रही हैं।
देश की 983 अत्यंत पिछड़ा जातियों को आरक्षण देने की व्यवस्था है लेकिन जांच में पता चला है कि उसमें 37 फीसदी का प्रजेंटेशन जीरो है, इसका मतलब है कि आरक्षण के अतंगर्त एक भी नौकरी नहीं दी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सिर्फ 10 ओबीसी समुदायों को यानी 24.95 फीसदी को नौकरी और एडमिशन के लिए आरक्षण का फायदा उठाया है।
अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि पिछड़े वर्ग को आरक्षण के नाम पर घोर असामनाता का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण का फायदा उनतक नहीं पहुंच रहा है जिन लोगों तक इसे पहुंचना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछड़े वर्ग को मिले आरक्षण में घोर असमानता देखने को मिली है, जिसके तहत इस वर्ग की सिर्फ 25 फीसदी जातियां हीं 97 फीसदी आरक्षण का लाभ ले रही हैं। किन-किन जातियों को मिला लाभ
कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग में जिन जातियों को सबसे ज्यादा आरक्षण का लाभ मिला है, उनमें यादव, कुर्मी, जाट (राजस्थान का जाट समुदाय सिर्फ भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समुदाय को ही केन्द्रीय ओबीसी लिस्ट में जगह दी गई है), सैनी, थेवार, एझावा और वोक्कालिगा जैसी जातियां शामिल हैं।
जातिगत आरक्षण पर आधारित यह रिपोर्ट कमिशन ऑफ एक्जामिन सब कैटेगोराइजेशन ऑफ ओबीसी ने तैयार की है। इस कमीशन का गठन अक्तूबर, 2017 में किया गया था। बीते हफ्ते ही इस कमीशन का कार्यकाल 31 मई, 2019 तक के लिए बढ़ाया गया है। आयोग ने 1.3 लाख केंद्रीय कर्मचारियों पर किया शोध
आयोग ने मौजूदा रिपोर्ट तैयार करने करने के लिए पिछले पांच सालों में करीब 1.3 लाख केन्द्रीय नौकरियां जो कि ओबीसी कोटा के तहत दी गई हैं का अध्ययन किया है। इसके साथ ही आयोग ने सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों में हुए एडमिशन का भी अध्ययन किया।
आंकड़े से यह भी पता चला है कि कई राज्यों ओबीसी कोटा जनसंख्या के हिसाब से अधिक कोटा दिया गया है। वहीं कई राज्यों में जनसंख्या के आधार पर कोटा का लाभ जरुरी लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। रिपोर्ट में पता चला है कि ओबीसी की 983 जातियों का जहां आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिला है, शिक्षा और जॉब के आधार पर 994 जातियों में से सिर्फ 2.68% ही आरक्षण का लाभ ले पा रही हैं। आयोग ने देश के सभी मुख्य सचिवालयों और राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजी रिपोर्ट
कमीशन के लिए यह रिपोर्ट तैयार करने का काम दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी ने किया है। फिलहाल यह रिपोर्ट आयोग ने देश के सभी मुख्य सचिवालयों और राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग को भेज दी गई है।
रिपोर्ट के खुलासे के बाद आयोग ने पिछड़ा वर्ग के सभी लोगों को आरक्षण का बराबर लाभ देने के लिए इसे सब-कैटेगरी में बांटने का प्रस्ताव भी दिया है।
