निर्भया के दोषियों की दया याचिका खारिज होने के बाद अब उनकी फांसी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि इसमें सबसे बड़ा पेंच है जल्लाद की तलाश क्योंकि तिहाड़ जेल में फांसी के लिए कोई जल्लाद नहीं है। इसी बीच फांसी की तारीख को लेकर भी कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, जिसमें दिसंबर 2019 का ही एक दिन फांसी के लिए तय बताया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्भया के दोषियों को उसी दिन सजा दी जा सकती है जिस तारीख को उसके साथ घिनौना कृत्य किया गया था जिसमें उसकी जान चली गई। कहा जा रहा है कि निर्भया के दोषियों 16 दिसंबर को ही सुबह पांच बजे फांसी दी जा सकती है।
हालांकि इस बात की पुष्टि अभी जेल प्रशासन ने नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फांसी की तारीख लगभग तय है। तिहाड़ प्रशासन को सिर्फ जल्लाद मिलने की तलाश है।
निर्भया से दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए तिहाड़ में बंद दोषियों को फांसी के लिए अधिकारियों को जल्लाद नहीं मिल रहा है। सूत्रों ने बताया कि इसलिए अधिकारी जल्लाद की तलाश में देश की अन्य जेलों के चक्कर काट रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के जेल अधिकारियों से इस बारे में अनौपचारिक बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी। हालांकि उसके अगले दिन शर्मा ने यह कहते हुए दया याचिका वापस ले ली थी, कि याचिका बिना उसकी सहमति के भेजी गई थी।
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वो बस जिसमें हुआ था निर्भया का गैंगरेप
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ छह दरिंदों ने चलती बस में गैंगरेप किया था। छह में से एक दोषी नाबालिग था जो अब छूट चुका है और गुमनामी की जिंदगी बिता रहा है। वहीं एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ में ही आत्महत्या कर ली थी। अब सात साल बाद बाकी बचे चार दोषियों को जल्द ही फांसी की सजा हो सकती है।