Madhya Pradesh : तबादलों पर प्रतिबंध के बावजूद हर विभाग ने निकाली सूची
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के डर से राजस्व, महिला एवं बाल विकास, आबकारी विभाग ने आनन-फानन में निकाली सूची।
भोपाल। चुनाव आयोग ने सरकार से उन अफसरों के तबादले फरवरी अंत तक करने के लिए कहा था जिन्हें एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन साल से अधिक समय हो गया। इसके दायरे में जो सीधे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े वे अधिकारी-कर्मचारी को रखा गया था लेकिन ज्यादातर विभागों ने तबादलों पर प्रतिबंध होने के बावजूद स्थानांतरण सूची ही जारी कर दी। इसमें वे विभाग भी शामिल हैं, जिनका चुनाव से सीधा कोई सरोकार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सामान्य प्रशासन, गृह और राजस्व विभाग के अधिकारियों के तबादले करके प्रमाणपत्र देने के लिए कहा था। सामान्य प्रशासन और गृह विभाग बीते डेढ़ सप्ताह से लगभग प्रतिदिन तबादला आदेश निकाल रहा है। राजस्व विभाग ने भी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षकों के तबादले कर दिए।
इसके अलावा किसी विभाग को तबादले करने की छूट तबादला नीति 2017-18 के तहत नहीं है। सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के दबाव में सिर्फ इतनी छूट दी है कि जिले के भीतर जिला और तहसील संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण कलेक्टर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कर सकते हैं।
इसके बावजूूद परिवहन, लोक निर्माण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, नगरीय विकास, उच्च शिक्षा या आबकारी विभाग हो, सबने मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से खूब तबादले किए। पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच का कहना है कि प्रतिबंध अवधि में इस तरह तबादले नहीं होने चाहिए। मुख्यमंत्री समन्वय से तबादले होते हैं पर इनके लिए परिस्थितियां विशेष होती हैं।
भोपाल। चुनाव आयोग ने सरकार से उन अफसरों के तबादले फरवरी अंत तक करने के लिए कहा था जिन्हें एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन साल से अधिक समय हो गया। इसके दायरे में जो सीधे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े वे अधिकारी-कर्मचारी को रखा गया था लेकिन ज्यादातर विभागों ने तबादलों पर प्रतिबंध होने के बावजूद स्थानांतरण सूची ही जारी कर दी। इसमें वे विभाग भी शामिल हैं, जिनका चुनाव से सीधा कोई सरोकार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सामान्य प्रशासन, गृह और राजस्व विभाग के अधिकारियों के तबादले करके प्रमाणपत्र देने के लिए कहा था। सामान्य प्रशासन और गृह विभाग बीते डेढ़ सप्ताह से लगभग प्रतिदिन तबादला आदेश निकाल रहा है। राजस्व विभाग ने भी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षकों के तबादले कर दिए।
इसके अलावा किसी विभाग को तबादले करने की छूट तबादला नीति 2017-18 के तहत नहीं है। सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के दबाव में सिर्फ इतनी छूट दी है कि जिले के भीतर जिला और तहसील संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण कलेक्टर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कर सकते हैं।
इसके बावजूूद परिवहन, लोक निर्माण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, नगरीय विकास, उच्च शिक्षा या आबकारी विभाग हो, सबने मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से खूब तबादले किए। पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच का कहना है कि प्रतिबंध अवधि में इस तरह तबादले नहीं होने चाहिए। मुख्यमंत्री समन्वय से तबादले होते हैं पर इनके लिए परिस्थितियां विशेष होती हैं।