बेटे जयवर्द्धन की सफाई – सिंहस्थ घोटाले की जांच होगी, किसी को क्लीनचिट नहीं
शिवराज सरकार को क्लीनचिट देने के मामले में मचा है सियासी घमासान
भोपाल. कमलनाथ के मंत्रियों का मंदसौर गोलीकांड, नर्मदा किनारे पौधारोपण और सिंहस्थ में हुए घोटाले के मामले में शिवराज सरकार को क्लीन चिट देने पर मचा घमासान अभी थम नहीं रहा है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर तल्खी दिखाई है। उन्होंने कहा कि मंदसौर गोलीकांड पर किसी को क्लीनचिट नहीं दिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार में भाजपा के नुमाइंदे बैठे हुए हैं। कुछ अधिकारी कर्मचारी खुद को बचाने के लिए मंत्रियों से ऐसा कहलवा रहे हैं।
वहीं दिग्विजय सिंह की डांट के बाद अब जयवर्धन सिंह ने भी सफाई दी है। उन्होंने मीडिया से कहा कि अभी उनके विभाग में सिंहस्थ घोटाले का मामला आया नहीं है, जब आएगा तो उसकी निष्पक्षता से जांच की जाएगी। वहीं, वन मंत्री उमंग सिंघार के चिट्ठी लिखने के सवाल पर दिग्विजय सिंह जवाब देने से बचते रहे।
कमलनाथ सरकार के मंत्रियों द्वारा कई बड़े मुद्दों पर पिछली शिवराज सरकार को क्लीन चिट दी। इनमें कई वो मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया था। गृहमंत्री बाला बच्चन ने मंदसौर गोलीकांड में और जयवर्धन सिंह ने सिंहस्थ घोटाले में शिवराज सरकार को क्लीन चिट दी। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दोनों मंत्रियों को डांट लगाई। मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे
वहीं दिग्विजय सिंह की डांट के बाद अब जयवर्धन सिंह ने भी सफाई दी है। उन्होंने मीडिया से कहा कि अभी उनके विभाग में सिंहस्थ घोटाले का मामला आया नहीं है, जब आएगा तो उसकी निष्पक्षता से जांच की जाएगी। वहीं, वन मंत्री उमंग सिंघार के चिट्ठी लिखने के सवाल पर दिग्विजय सिंह जवाब देने से बचते रहे।
कमलनाथ सरकार के मंत्रियों द्वारा कई बड़े मुद्दों पर पिछली शिवराज सरकार को क्लीन चिट दी। इनमें कई वो मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया था। गृहमंत्री बाला बच्चन ने मंदसौर गोलीकांड में और जयवर्धन सिंह ने सिंहस्थ घोटाले में शिवराज सरकार को क्लीन चिट दी। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दोनों मंत्रियों को डांट लगाई। मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे
- दिग्विजय की नाराजगी के बाद बाला बच्चन ने मंगलवार को सफाई दी थी। अब नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने सफाई दी है। जयवर्धन सिंह ने कहा सिंहस्थ मामले की रिपोर्ट पिछली सरकार द्वारा विधानसभा में पेश की गई थी। ये रिपोर्ट अभी तक नगरीय प्रशासन विभाग तक नहीं पहुंची है। जब भी फाइल विभाग तक पहुंचेगी, तब इस मामले की निष्पक्ष जांच जरुर की जाएगी।
ढाई मुख्यमंत्रियों की सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मध्यप्रदेश में सीएम के साथ सुपर सीएम भी हैं। ढाई मुख्यमंत्रियों की सरकार है। सचमुच में यह संवैधानिक संकट है कि एक बाहर का व्यक्ति जो मंत्रिमंडल में नहीं है, वह मंत्रियों को डांट रहा है। यह सरकार अपने अंतर्विरोधों के कारण ही गिर जायेगी। प्रदेश सरकार के पास किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसा ही नहीं है। राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिन में कर्ज माफी नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदल देंगे। 10 दिन के 60 दिन हो गये, अब तक 6 सीएम बदल गए होते। “
मंत्री भ्रमित, विधायकों ने बनाया क्लब
- इधर, विधानसभा में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब कांग्रेस में अब विधायक क्लब बनाने लगे हैं। ऐसे में कभी भी खबर आ सकती है कि सरकार चला चली की बेला में है। सरकार और उनके मंत्री दिग्भ्रमित हैं कि उन्हें क्या करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति लॉ और ऑर्डर ले जाने वाली बची है। सतना जिले में दो बच्चों के अपहरण पता 10 दिन से ज्यादा समय हो गया, लेकिन हो पा रहा है।
गले की फांस बना वचन पत्र
- पूर्व मंत्री और विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि वचनपत्र कांग्रेस के गले की फांस बन गया है। उन्हें खुद ही उम्मीद नहीं थी कि उनकी सरकार आएगी। इसलिए सरकार आने के बाद अब सरकार और उसके मंत्री समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें क्या करना है।
मंत्री नहीं सुनते… सीएम से मिलेंगे 27 विधायक
- मंत्रियों के रवैये से नाराज 27 विधायकों ने क्लब बनाया है। इनकी राजधानी के एक होटल में बुधवार को बैठक हुई। वे गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलेंगे। उनका कहना है कि क्षेत्र में होने वाले कामों की शिलान्यास पट्टिका में उनका नाम नहीं लिखा जाता। बैठक में बसपा विधायक संजीव सिंह, रामबाई, सपा के राजेश शुक्ला, कांग्रेस के आरिफ मसूद, प्रवीण पाठक, संजय यादव, सिद्धार्थ कुशवाह, शशांक भार्गव, देवेंद्र पटेल, निलय डागा, जजपाल जग्गी सहित कई विधायक मौजूद थे।